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केरल में 850 में से 800 काजू फैक्ट्रियां बंद, विधानसभा में हंगामा

cashew

केरल विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पिनाराई विजयन की सरकार पर काजू उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष ने कहा कि 850 में से 800 काजू फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं लेकिन मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कहते रहते हैं कि सरकार काजू उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए मेहनत से काम कर रही है।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा “जिन काजू मजदूरों के पास जनवरी से काम नहीं उनके लिए सरकार को 10 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता की मंजूरी दे देनी चाहिए। उन्होंने मजदूरों के लिए मुफ्त राशन की भी मांग की। उन्होंने कहा, “अधिकतर काजू फैक्ट्रियां दुर्दशा में हैं। निजी क्षेत्र की करीब 800 फैक्ट्रियों को सरकार से समर्थन की जरूरत है।”

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चेन्निथला ने कहा, “आप करीब दो साल से सत्ता में हो, आप क्यों नहीं इन फैक्ट्रियों को अपने नियंत्रण में ले रहे हो। आप केंद्र से एक विशेष पेकैज की मांग भी कर सकते हैं।” राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अदूर प्रकाश के स्थगन प्रस्ताव पर जवाब देते हुए विजयन ने कहा कि कच्चे माल की उपलब्धता नहीं होने के कारण फैक्ट्रियां बंद हुई हैं। विजयन ने कहा, “हम अफ्रीकी देशों के एक समूह के साथ प्रबंध पर कार्य कर रहे हैं ताकि वहां से कच्चे माल की निरंतर उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में गठित केरल काजू बोर्ड काजू की खेती के अंतर्गत इलाकों को बढ़ाने के एक कार्यक्रम पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जंगल विभाग जल्द ही पांच हजार एकड़ को चिन्हित करेगा। हालांकि, विजयन ने प्रकाश द्वारा उठाए गए बिंदुओं का कोई जवाब नहीं दिया। प्रकाश ने कहा कि वर्तमान में सरकारी क्षेत्र की सभी 40 फैक्ट्रियां और निजी क्षेत्र की करीब 800 फैक्ट्रियां कच्चे माल की उपलब्धता नहीं होने के कारण बंद हो गई। प्रकाश ने कहा, “दो लाख मजदूर, जिसमें से 90 फीसदी महिलाएं हैं, दुर्दशा में हैं।”

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देश में अभी 78 हजार हेक्टेयर के काजू की खेती हो रही है जिसमें सबसे अधिक 26 हजार 959 हेक्टेयर में तमिलनाडु में खेती हो रही है। काजू एक निर्याती फसल है। भारत में सालाना 5500 करोड़ का निर्यात किया जाता है। भारत से 60 देशों में इसका निर्यात किया जाता है।

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