नई दिल्ली। पिछले कुछ समय में देश के अलग-अलग कोनों से कई देशों को कृषि उत्पादों के निर्यात में एपीडा ने अहम भूमिका निभाई है। कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा ने अब बंगलुरु के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से एमओयू किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) निर्यात को बढ़ावा देने, वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया की स्थापना और उच्च मूल्य वाले कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए ये समझौता किया है। इस साझेदारी से मोटे अनाजों तथा बाजरा उत्पादों, आम, सब्जियों, गुड़, प्रसंस्कृत फलों एवं सब्जियों जैसे ताजे फलों के लिए बाजार आदि के विकास में परस्पर सहयोग करेंगे।
एमओयू के अनुसार, प्रमुख क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण निर्यातों के लिए अग्रिम सतर्कता, प्रभावी एवं उत्कृष्ट खेती के लिए संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकियों का विकास, निर्यात बास्केट, गंतव्यों का विविधीकरण तथा 2018 में भारत सरकार द्वारा घोषित कृषि निर्यात नीति (एईपी) के तहत कर्नाटक से कृषि निर्यात बढ़ाना शामिल है।
एपीडा, जो वाणिज्य मंत्रालय तथा यूएएस के तहत कार्य करता है, के साथ गठबंधन फॉरवर्ड तथा बैकवर्ड लिंकेज के सुदृढ़ीकरण, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों तथा मेलों में भागीदारी और ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग, मार्केट इंटेलीजेंस सेल की स्थापना, ट्रेसिएबिलिटी सिस्टम के विकास में भी सहायता मिलेगी।
ये भी पढ़ें- पहली बार गुजरात व पश्चिम बंगाल से हुआ लंदन और बहरीन ड्रैगन फ्रूट का निर्यात
In a major boost to exports of exotic fruit, consignments of fiber & mineral rich ‘#dragonfruit‘ also referred as Kamalam, have been exported for the 1st time to #London, United Kingdom & Kingdom of #Bahrain. The consignments were sourced from #farmers of #Gujarat & #WestBengal pic.twitter.com/7scJf24qco
— APEDA (@APEDADOC) August 3, 2021
एपीडा और यूएएस, बंगलुरु कृषि व्यवसायों तथा निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेशों में आयोजित होने वाले बी2बी एवं बी2सी मेलों सहित किसानों, उद्यमियों, निर्यातकों तथा अन्य हितधारकों की भागीदारी को सुगम बनाएंगे तथा मोटे अनाजों तथा बाजरा उत्पादों, आम, सब्जियों, गुड़, प्रसंस्कृत फलों एवं सब्जियों जैसे ताजे फलों में बाजार विकास और ट्रैसिएबिलिटी में भी परस्पर सहयोग करेंगे। संवर्धन तथा किसान उत्पादक संगठनों/किसान उत्पादक कंपनियों की आरंभिक सहायता तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना भी एपीडा एवं यूएएस के बीच के समझौते का हिस्सा होंगे।
यह एमओयू कृषि उद्यमियों के विकास, टेक्नोउद्यमियों की क्षमता निर्माण, मजबूत कौशल विकास तथा उत्पाद विशिष्ट क्लस्टरों के सृजन के द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण के निर्माण पर फोकस करने में सहायता करेगा।
एपीडा और यूएएस, बंगलुरु ने बंगलुरु के यूएएस में किसानों के लिए एक क्षमता निर्माण केंद्र की स्थापना करने तथा निर्यातों के लिए कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए, विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रेरित करने के लिए समन्वयन के साथ काम करने पर सहमति जताई है। इसके अतिरिक्त, एपीडा की सहायता से एक पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेशन कोर्स भी आरंभ किया जाएगा।
यह एमओयू आयातक देशों के प्रति बेहतर खेप प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के साथ बागवानी/पशुधन ऊपज की समग्र टिकाऊ मूल्य श्रृंखला के विकास तथा निर्यातों के लिए राज्य के संभावित उत्पादों की मानक प्रचालन प्रक्रियाओं के विकास में भी सहायता करेगा।
यूएएस, बंगलुरु कीटों एवं रोगों (स्पौंजी टिश्यू फ्रूट फ्लैग, स्टोन वीविल, रालस्टोनिया एफ्लैटोक्सीन आदि) के लिए रियल टाइम समाधान के विकास में भी योगदान देगा तथा पशुओं की जोनिंग और पोल्ट्री उत्पादों के वर्गीकरण को सुगम बनायेगा। एपीडा के साथ मिल कर विश्वविद्यालय कर्नाटक के छात्रों के लिए एनपीओपी दिशानिर्देशों के अनुरूप जैविक निर्यातों पर एक करीकुलम का विकास भी करेगा।
एमओयू पर एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुत्थु तथा यूएएस, बंगलुरु के कुलपति डॉ. एस. राजेन्द्र प्रसाद की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया।
एपीडा विभिन्न हितधारकों की क्षमता निर्माण के लिए निहित प्रोफेशनल और विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट विशेषज्ञता वाले कई संगठनों तथा संस्थानों के साथ तालमेल लाने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर फोकस करता रहा है और एईपी के तहत निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कृषि के विकास तथा इसके निर्यात में वृद्धि के लिए चिन्हित कुछ मुद्दों का समाधान उपलब्ध कराता रहा है।