लखनऊ। पिछले छह साल पहले सुल्तान (भैंसा) को दो लाख में खरीद के लाए नरेश बेनिवाल उसका सीमेन बेचकर सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं। नरेश ही नहीं हरियाणा के कई किसान मुर्रा नस्ल के भैंसे को पालने में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में चलन तेजी से बढ़ रहा है।
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“सुल्तान के नाम से ही लोग मुझे जानते है। भारत में कई बार हुई प्रतियोगिताओं में सुल्तान जीत चुका है। लोग इसको खरीदने के लिए करोड़ों की कीमत लगाते हैं, लेकिन मैं इसको नहीं बेच सकता। सुल्तान से साल भर में 30 से 35 हज़ार सीमन की डोज तैयार होता है, जिसको 300 रुपए प्रति डोज में बेचते हैं। सुल्तान से सप्ताह में दो बार सीमेन निकाला जाता है, जिसकी कीमत लाखों में है।” नरेश बेनिवाल ने बताया।
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हरियाणा के कैथल जिले से करीब 40 किमी. दूर बूढ़ाखेड़ा गाँव में सुल्तान के अलावा नरेश के पास करीब दस भैंस और दो भैंसा और भी हैं। वो आगे बताते हैं, “हरियाणा के अलावा इसका सीमन पंजाब, राजस्थान कई राज्यों में जाता है। अब तक इससे 800 से ज्यादा भैसों को गर्भाधान किया जा चुका है।”
सुल्तान पर आने वाले खर्च के बारे में नरेश बताते हैं, “रोज 10 किलो सेब, 10 किलो दूध, 35 किलो हरा और सूखा चारा दिया जाता है। रोजाना 2500 रुपए का खर्च इस पर आता है। सुबह से टहलाने से लेकर रात के खाने तक मैं सुल्तान का पूरा काम करता हूं।” आठ साल के सुल्तान की लंबाई पांच फुट 11 इंच है और वजन एक टन है।
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भारत में भैंसों की 13 नस्लों में से मध्य हरियाणा की मुर्रा भैंसों की मांग सबसे ज्यादा है। उन्हें ‘नस्ल सुधारने’ वाला माना जाता है यह नस्ल खासतौर पर अपनी ज्यादा दूध देने की क्षमता की वजह से मांग में है। इसीलिए कई राज्यों से इसको खरीदने के लिए लोग पंजाब आते हैं। भारत में 54 प्रतिशत दूध भैंसों से प्राप्त होता है।
नरेश की तरह हरियाणा के सिरसा जिले के झुट्टीखेड़ा गाँव में रहने वाले पशुपालक गंजानंद सहारण के पास एक भैंस है, जिससे वह सीमेन की डोज तैयार कर रहे हैं। चार साल के भैंस पर गंजानंद रोजाना ढ़ेड हजार रुपए खर्च करते हैं।
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वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के करमवीर सिंह के भैंसा ‘युवराज’ की उम्र 9 साल और वज़न 14 कुंतल है। वर्तमान में युवराज की कीमत सवा 9 करोड़ से भी ज्यादा है। युवराज के 1416 मिली लीटर गुप्तमल से अब तक 700 भैंसों के गर्भाधान में किया जा चुका है। युवराज की देखभाल के लिए के एमबीए डिग्री होल्डर से ज़्यादा का वेतन पाने वाले कई युवक दिन में दो बार सरसों के तेल से मालिश करते हैं। इन्ही खूबियों से युवराज 22 बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुका है।