केंद्र सरकार ने खाद्य तेल का आयात कम करने के मकसद से पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 44 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया गया है।
भारत पाम तेल का आयात प्रमुख रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से करता है, जबकि सोया तेल का आयात प्रमुख रूप से ब्राजील और अर्जेटीना से करता है। अन्य खाद्य तेल में कनोला का आयात प्रमुख रूप से कनाडा से होता है जबकि सूर्यमुखी तेल का आयात यूक्रेन से करता है।
पाम तेल का भारत सबसे ज्यादा आयात करता है। मुंबई के एक तेल बाजार विश्लेषक ने बताया कि गर्मी आने पर पाम तेल का आयात बढ़ जाता है। ऐसे में आयात शुल्क बढ़ने से देश में पाम तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी जिसका फायदा घरेलू तेल मिलों व तिलहन उत्पादकों को होगा।
गुरुवार को कांडला बंदरगाह पर सीपीओ में 595 रुपए प्रति किलोग्राम और आरबीडी में 660 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार हुआ। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक, 26 फरवरी को देश के प्रमुख बंदरगाहों पर आयातित सीपीओ का स्टॉक 2,62,704 टन था, जबकि रिफाइंड पाम तेल का स्टॉक 86,559 टन और सीपीकेओ का स्टॉक 3,730 टन था। वहीं, सूर्यमुखी तेल का स्टॉक 1,42,86 टन, सोया तेल का स्टॉक 95,323 टन और कनोला तेल का स्टॉक 6,792 टन था। गौरतलब है देसी खाद्य तेल उद्योग की ओर से विदेशों से तेल मंगाने पर सीमा लगाने को लेकर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी।