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सरसों का रकबा कम होने के बावजूद बंपर उत्पादन की उम्मीद, खाद्य तेल होगा सस्ता

Mustard oil

देश में इस साल सरसों की खेती का रकबा कम होने के बावजूद बंपर फसल उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में उद्योग संगठनों को पूरी उम्मीद है कि उत्पादन ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव रहेगा। उत्पादन अनुमान में आयी इस बढ़ोतरी के कारण सोमवार को हाजिर और वायदा बाजारों में सरसों की कीमतों पर दबाव दिखा।

खाद्य तेल उद्योग और व्यापार से जुड़े संगठन सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कूइट) के मुताबिक देशभर में इस साल सरसों, तोरिया और तारामीरा का उत्पादन बढ़ सकता है, जो पिछले साल के उत्पादन अनुमान से करीब 10 लाख टन ज्यादा होगा। कूइट के अध्यक्ष लक्ष्मीचंद अग्रवाल ने बताया “सरसों का रकबा भले ही कम हुआ हो लेकिन देशभर में फसल बहुत अच्छी है, जिससे पैदावार बढऩे की पूरी उम्मीद है।”

उनकी बातों का समर्थन करते हुए मध्य प्रदेश के सरसों कारोबारी शैलेंद्र कहते हैं “इस बार मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पैदावार पिछले साल से डेढ़ गुना हो सकती है।” कूइट के मुताबिक देशभर में सरसों का कुल उत्पादन 70.50 लाख टन है जबकि तोरिया 50,000 टन और तारामीरा एक लाख टन है।

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आयात पर अंकुश लगाए सरकार

उधर, सॉल्वैंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ई.ए.) के एग्जिक्यूटिव डायरैक्टर बी.वी मेहता ने कहा “फसल अच्छी होने की रिपोर्ट मिल रही है। भारत 70 प्रतिशत तेल का आयात करता है जबकि 30 प्रतिशत घरेलू मांग की पूर्ति देसी मिलों द्वारा होती है। सरकार को अगर किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाना है तो आयात पर अंकुश लगाना होगा।”

बाजार में गिरे भाव

बाजार में सोमवार को सरसों का अप्रैल वायदा मूल्य नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले 61 रुपए प्रति क्विंटल कम रहा। कारोबारी शैलेंद्र का कहना है कि सरसों में 50-100 रुपए की गिरावट आई है, जो और बढऩे ही वाली है।

इस साल रकबा घटा

देश में सरसों का रकबा पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 5 प्रतिशत कम है। तिलहन का रकबा 76.69 लाख हैक्टेयर है, जो पिछले साल की समान अवधि में 80.77 लाख हैक्टेयर था।

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आयात पर निर्भरता

  • 70 प्रतिशत खाद्य तेल की जरूरत आयात से पूरी होती है।
  • 30 प्रतिशत घरेलू मांग की पूर्ति देसी मिलों द्वारा होती है।
  • 150 लाख टन खाद्य तेल का आयात ऑयल वर्ष 2016-17 में हुआ।
  • 225 लाख टन से ज्यादा है देश में खाद्य तेलों की सालाना खपत।

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(एजेंसियों से इनपुट)

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