बेंगलुर (भाषा)। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि दालों के आयात के जरिये मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करके कीमतों में रूकावट लाने के मकसद से हमारी विदेशी सरकारों के साथ कॉन्ट्रैक्ट की योजना है। उन्होंने कहा कि दालों को लेकर स्थिति नियंत्रण में है और धीरे-धीरे दाल की कीमतें घट रहीं हैं।
पासवान ने कहा कि मांग और आपूर्ति में अंतर है। इस साल हमारा उत्पादन 170 लाख टन है, पिछले साल यह 171 लाख टन था, जबकि उससे पहले 173 लाख टन था। मंत्री ने कहा, ‘‘मांग पक्ष को देखा जाए, तो यह हर साल 10 लाख टन बढ़ रही है। इस साल यह 246 टन रहेगी।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दालों की कमी से निपटने के लिए रणनीति बनाई है जिससे इनकी कीमतों में स्थिरता कायम रखी जा सके।
उन्होंने कहा कि अंतर करीब 76 लाख टन का है। इस मामले में निजी आयातक करीब 60 लाख टन का आयात करेंगे। शेष के लिए सरकार ने सरकारी स्तर के अनुबंध की योजना बनाई है। ‘‘हमारा दल इसके लिए म्यांमार और अन्य देश जाएगा।” पासवान ने बताया कि सरकार ने बफर स्टाक भी कायम किया है। इसके लिए पहले ही 1,13,000 टन टालों की खरीद की गई है। राज्य सरकार को खुदरा वितरण के लिए दालों की खरीद के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अरहर की दाल 66 रुपए प्रति किलो और उड़द दाल 82 रूपए प्रति किलो के मूल्य पर उपलब्ध करा रहे हैं। हमने जो रणनीति बनाई है उससे कीमतों में स्थिरता लाने में मदद मिली है।”