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नई सरकार से मंडी व्यापारियों की उम्मीदें

लखनऊ

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। जहां एक तरफ प्रदेश में नई सरकार के आने से सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ किसानों के लिए नए नियम और सुविधाएं बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मंडियों में अपना कारोबार चला रहे व्यापारी भी नई सरकार से बदलाव की मांग कर रहे हैं।

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मेरठ के फल व्यापारी मेहताब अली (35 वर्ष) पिछले चार वर्षों से लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी में फलों की व्यापार कर रहे हैं। मंडी में हर रोज़ उनके दो से तीन ट्रकों की आवक भी है, लेकिन दूसरे जिले के व्यापारी होने के कारण मंडी समिति ने उनका मंडी लाइसेंस नहीं बनवाया है। लाइसेंस न होने के कारण उन्हें माल को मंडी तक लाने में परेशानी होती है।

मेहताब बताते हैं, ‘हम तरबूज, खरबूजे और पपीते का व्यापार करते हैं। मेरठ से माल यहां तक लाने के लिए हमें तीन बार अपने माल की चेकिंग करवानी पड़ती है। हमारा अभी तक मंडी लाइसेंस नहीं बना है, इसलिए दूसरे के लाइसेंस पर माल आगे जा पाता है। सरकार को इस पर ध्यान देना ज़रूरी है।’’ सीतापुर रो़ड स्थित नवीन गल्ला मंडी में व्यापारियों को अपना माल बेचने के लिए भी जगह नहीं नसीब हो पा रही है।

मंडी में 300 दुकानों की जगह होने के बावजूद 1,600 लोगों को मंडी लाइसेंस बांटे गए हैं, और अभी भी धड़ल्ले से बांटे जा रहे हैं। नवीन गल्ला मंडी में पिछले पांच वर्षों से आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियों का व्यापार कर रहे मो. शकील ने बताया, ‘मंडी में हमें 10×10 की दुकानें मिलती हैं। इन दुकानों में 10 बोरी आलू भी ठीक से नहीं रखा जा सकता है। जगह ना होने के कारण हम गल्ला व्यापारियों की दुकानों को किराए पर लेकर माल बेच रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी से हम चाहते हैं कि वो मंडी में एक बार आएं और हमारा भी हाल देख लें।’’ नाम न बताते की शर्त पर एक व्यापारी ने बताया कि मंडी में इतनी कम जगह बची है कि लोग रास्तों पर अपना माल बेच रहे हैं। अधिकारियों तक पहुंच है तो नया मंडी लाइसेंस मिल जाता है नहीं तो दो-दो, तीन-तीन सालों बाद भी लाइसेंस नहीं बन पाता है।

बंद हों अवैध सब्जी मंडियां

गल्ला मंडी व्यापारी संगठन, लखनऊ के सदस्य कैस बाबू सोनकर बताते हैं, ‘जिले में नगर निगम की आंखों के सामने मुंशी पुलिया, टेढ़ी पुलिया, आलमबाग, हनीमैन चौराहा और मानपुर इलाकों में अवैध सब्जी मंडियां चल रही हैं। इससे शहरों के लोग अधिकतर यही से खरीददारी करते हैं। इससे मंडी में खरीददार कम पड़ गए हैं। प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द छापा मार कर इन मंडियों को हटाना चाहिए।’’

20 हजार लोगों की आवक प्रतिदिन

जिले में कृषि व्यापार और थोक खरीद के लिए मुख्य रूप से नवीन कृषि मंडी, दुबग्गा और नवीन गल्ला मंडी, सीतापुर रोड हैं। दोनो मंडियों में हर रोज़ 20,000 से अधिक लोगों की आवक है। इसके बावजूद इन मंडियों के व्यापारियों को हर महीने मंडी शुल्क देने के बावजूद सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

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