बिहार से जीआई प्रमाणित जरदालू आमों की पहली खेप यूनाइटेड किंगडम भेजी गई

एपीडा ने हाल ही में बहरीन में भारतीय आमों के प्रचार के लिए एक सप्ताह लंबे कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां तीन जीआई प्रमाणित खीरसपाती और लक्ष्मणभोग और जलदालू सहित फल की 16 किस्मों का आयातक अल जजीरा समूह के सुपर स्टोरों में प्रदर्शन किया गया था।
#mango

नई दिल्ली। बिहार के भागलपुर जिले के मशहूर जरदालू आमों की पहली खेप को यूनाइटेड किंगडम भेजा गया है। भागलपुर के ये आम जिओग्राफिककल इंडिकेशन (जीआई) प्रमाणित हैं। बिहार सरकार, भारतीय उच्चायोग और इन्वेस्ट इंडिया के साथ भागीदारी में एपिडा ने रसदार और सुगंधित आमों का निर्यात किया, जिन्हें लखनऊ में एपिडा के पैकहाउस में पैक किया गया था। अनूठी सुगंध और स्वाद के साथ, बिहार के भागलपुर जिले के जरदालू आमों को 2018 में जीआई प्रमाणन हासिल हुआ था। 

आम के इस सीजन में कई देशों को एपीडा ने अपनी सहयोगी संस्थाओं और विभागों के मिलकर आमों का निर्यात किया है। इसमें कई ऐसे क्षेत्र भी रहे हैं जहां से पहली बार निर्यात किया गया है। भागलपुर के आमों को विदेश भेजने से पूर्वी क्षेत्र में कृषि-निर्यात संभावनाओं को मजबूती मिली है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपिडा) के मुताबिक 14 जून को ये आम यूनाइटेड किंगडम भेजे गए। इससे पहले बिहार के जरदालु और लंकड़ा आमों की एक खेप को 4 जून को लंदन भेजा गया था। जरदालू आमों की ये पहली खेप थी, जिसे बिहार भेजा गया था।

वाणिज्य मंत्रालय के बयान के अनुसार एपिडा गैर पारम्परिक क्षेत्रों से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रहा है। एपिडा के मुताबिक 11 जून से बहरीन में भारतीय आमों के प्रचार के लिए एक सप्ताह लंबे कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां तीन जीआई प्रमाणित खीरसपाती और लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल) और जलदालू (बिहार) सहित फल की 16 किस्मों का आयातक अल जजीरा समूह के सुपर स्टोरों में प्रदर्शन किया गया।

एपिडा आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए वर्चुओल खरीदार-विक्रेता बैठक और महोत्सव का आयोजन करता रहा है। एपिडा ने हाल में भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर बर्लिन, जर्मनी के साथ ही जापान में आम महोत्सव का आयोजन किया था। 

संबंधित खबर- भारत ने जीआई प्रमाणित 2.5 मीट्रिक टन आम दक्षिण कोरिया को भेजे, निर्यात बढ़ाने के लिए एपीडा की बैठक

एपिडा ने सियोल स्थित भारतीय दूतावास और कोरिया में इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ भागीदारी में मई, 2021 में एक वर्चुअल खरीदार विक्रेता बैठक का आयोजन किया था। वर्तमान में जारी कोविड-19 महामारी के कारण, भौतिक रूप से निर्यात संवर्धन कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं था। एपिडा ने भारत और दक्षिण कोरिया के निर्यातकों व आयातकों को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया था।  6 मई को इस मौसम में पहली बार भारत ने भौगोलिक संकेतक (जीआई) मार्का आम बनगनपल्ली और सुवर्णरेखा की अन्य किस्मों की ढाई मीट्रिक टन मात्रा दक्षिण कोरिया को निर्यात की थी। ये आम आंध्रप्रदेश के कृष्णा और चित्तूर के किसानों की बागों के थे।

दक्षिण कोरिया को निर्यात किए गए आमों को तिरुपति, आंध्र प्रदेश स्थित एपिडा द्वारा सहायता प्राप्त और पंजीकृत भाप आधारित ट्रीटमेंट फैसिलिटी पैकहाउस से उपचारित और साफ आपूर्ति की गई। वहीं इफको किसान सेज (आईकेएसईजेड) द्वारा इसका निर्यात किया गया। यह आईकेएसईजेड द्वारा निर्यात की गई पहली कन्साइनमेंट है, जो 36,000 समितियों की सदस्यता वाली कई राज्यों में सक्रिय सहकारी संस्था इफ्को की एक सहायक है।

इसके अलावा 21 मई को 2021 को आंध्र प्रदेश से विशाखापट्टनम से जीआई टैग वाले बनगनपल्ली आमों की एक खेप को ऑस्ट्रेलिया भेजा गया था।

भारत में आम को ‘फलों का राजा’ भी कहा जाता है। भले ही भारत के ज्यादातर राज्यों में आम के बागान होते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश,  बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश,  तेलंगाना, कर्नाटक में इस फल की पैदावार में बड़ी हिस्सेदारी है। आमों का प्रसंस्करण एपिडा पंजीकृत पैकहाउस केंद्रों में किया जाता है और फिर उन्हें मध्य-पूर्व, यूरोपीय संघ, यूएसए, जापान और दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न क्षेत्रों व देशों को निर्यात किया जाता है।

संबंधित खबर- मैंगो क्लस्टर दिलाएंगे किसानों को आम के दाम, बागवानी संस्थान ने बागवानों और कारोबारियों के साथ की चर्चा

Recent Posts



More Posts

popular Posts