लखनऊ। इस वर्ष 2016-17 में उत्पादन अब तक सबसे अधिक 300.6 टन किया गया रिकार्ड किया गया, जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले 3.45 प्रतिशत अधिक है।
उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के निदेशक एसपी जोशी बताते हैं, “इस बार बागवानी फसलों का उत्पादन ज्यादा हुआ है, सबसे अधिक आलू का उत्पादन हुआ था, पिछली बार 138 मिट्रिक टन का उत्पादन हुआ था, इस बार 155 मिट्रिक टन का उत्पादन हुआ है। इसके साथ ही केला का उत्पादन अच्छा रहा, लतावर्गीय सब्जियों का भी उत्पादन भी अच्छा हुआ है। व
वहीं इस वर्ष 2017-18 मेंं भी सब्जियों और फलों जैसे बागवानी फसलों का उत्पादन रिकार्ड 305 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक है।
सब्जियों और फलों जैसे बागवानी फसलों का उत्पादन 2017-18 में रिकॉर्ड 305.4 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंचने की संभावना है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 1.6% अधिक है और पिछले पांच वर्षों के औसत से 8 प्रतिशत अधिक है, कृषि मंत्रालय ने जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में कहा।
वो आगे बताते हैं, “उत्तर प्रदेश बागवानी फसलों के उत्पादन में देश में नंबर एक पर है, जो लगातार बढ़ रहा है।”
वर्ष 2016-17 में उत्पादन अब तक सबसे अधिक 300.6 टन रिकार्ड किया गया, वर्ष 2015-16 के मुकाबले बागवानी फसलों के उत्पादन में हुई 3.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले उत्पादन में पांच प्रतिशत की अधिकता है।
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इस वर्ष हुआ 178 लाख टन सब्जियों का उत्पादन, पिछले वर्ष के मुकाबले पांच प्रति की वृद्धि, फलों का उत्पादन 95 लाख टन, इसमें हुई दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ में जारी 2016-17 के अंतिम अनुमान से पता चला है कि इन खराब होने वाली फसलों का उत्पादन 300.6 मिलियन टन, सालाना सालाना वृद्धि पांच प्रतिशत से अधिक है।
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सब्जियों का उत्पादन 2017-18 में 181 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो साल पहले की तुलना में एक प्रतिशत अधिक है, जबकि फलों का अनुमान 95 मिट्रिक टन, पिछले वर्ष की तुलना में दो फीसदी अधिक अधिक है।