पशु आहार के लिए तिल व मक्का की खली की बढ़ी मांग, मिल रहा अच्छा दाम

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नयी दिल्ली(भाषा)। उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पशु आहार के लिए खल मांग बढ़ने से मक्का और तिल खली में तेजी का रुख बना है।

पंजाब तेल मिलर्स एवं व्यापारी संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने बताया, “मांग बढ़ने से तिल खल का दाम पिछले एक पखवाड़े में 3,200 रुपए से बढ़कर 3,500 रुपए कुंतल हो गया जबकि मक्का खल 2,550 रुपये से बढ़कर 2,700 रुपए कुंतल हो गई।


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उनका दावा है कि मक्का खल में तेल की मात्रा सबसे अधिक 12 से 14 प्रतिशत तक होती है और 60 प्रतिशत प्रोटीन होने के अलावा इसमें विभन्नि पोषक तत्व मौजूद हैं। इससे दुधारू मवेशियों की क्षमता काफी बढ़ जाती है। मक्का खल की मांग पहले गुजरात के आणंद से पूरी होती थी लेकिन अब राजस्थान के अलवर से भी इसकी आपूर्ति होने लगी है। गुजरात की मक्का खली के मुकाबले अलवर की मक्का खली सस्ती बैठती है।

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निरंजनलाल एंड कंपनी, अनाज मंडी अलवर के चन्दन गुप्ता ने बताया कि राजस्थान और उत्तर भारत में मक्का खल की बढ़ती मांग को देखते हुए देश में कई कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। अलवर की प्रमुख मक्का तेल उत्पादक सरस्किा ब्रांड अपनी उत्पादन क्षमता को जल्द ही दोगुना करते हुए 40,000 टन करने की योजना पर अमल कर रही है।

उन्होंने बताया कि 40 वर्ष पूर्व पशुआहार के रूप में मक्का खल की शुरुआत गुजरात के आंणद से हुई थी। वर्ष 1980-81 में मक्का खल की मांग 800-900 टन थी जो अब बढ़कर 20,000 टन प्रतिमाह हो गई।

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