Gaon Connection Logo

जल्द काबू में आएंगी टमाटर की कीमतें

India

लखनऊ। लखनऊ के उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी ख़बर है, जल्द की आसमान छू रहे टमाटर की कीमत में स्थिरता आएगी। रमज़ान के बाद दक्षिण भारतीय राज्यों से टमाटर की आपूर्ति बढ़ने के बाद इसके दाम में गिरावट आएगी। हालांकि रविवार को शहर की सब्ज़ी बाज़ारों में इसके दाम 10 से 20 रुपए किलो और तेज़ होकर 60 से 80 रुपए किलो तक पहुंच गया। 

शहर की दो प्रमुख थोक सब्ज़ी मंडी में बाराबंकी के हैदरगढ़ और अमरोहा से टमाटर की आपूर्ति हो रही है। इसके साथ-साथ कर्नाटक के चिंतामणि से टमाटर की आपूर्ति शुरू हो गई। हालांकि कर्नाटक के चिंतामणि में बारिश होने से तापमान में आई गिरावट से उत्पादन पर असर पड़ा है। चिंतामणि में बैठे लखनऊ के नवीन सब्ज़ी मंडी सीतापुर रोड के कारोबारी सुरेश कुमार (50वर्ष) बताते हैं, “रमज़ान के बाद टमाटर के मांग में थोड़ी कमी आएगी। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मदन पल्ली, कल्याण, अनन्तापुर और कर्नाटक के कोलार में भी टमाटर का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बाजार में आने के बाद भाव में थोड़ी गिरावट आएगी।”

उन्होंने बताया कि चिंतामणि में प्रति क्रेट (25 किलो) का भाव सोमवार को 950 रुपए रहा। भाड़ा और अन्य खर्च मिला कर लखनऊ पहुंचने पर इसकी कीमत 1100 रुपए पड़ रही है। इसी मंडी के दी लखनऊ वेजीटेबुल एडं फ्रूट मर्चेंट एसोसिएशन के महामंत्री संजय सोनकर मुन्ना ने बताया कि मंडी में टमाटर चिंतामणि 230 से 240 रुपए पसेरी (5 रुपए/किलो) बिका। वहीं अमरोहा का टमाटर 200 रुपए पसेरी रहा।  

जैसी बाज़ार वैसा दाम

शहर की खुदरा सब्जी बाजार में टमाटर अलग-अलग भाव पर बिकता दिखाई पड़ा। गोमतीनगर, इंदिरा नगर, भूतनाथ बाज़ार और शहर के पॉश इलाके में अव्वल टमाटर 80 रुपए किलो तक बिकता मिला। वहीं डालीगंज, रकाबगंज, पानदरीबा, ताड़ीखाना, सेक्टर 14 इंदिरानगर में अव्वल टमाटर 60 से 70 रुपए किलो बिकता दिखाई दिया।     

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...