नई दिल्ली (भाषा)। उद्योग संगठन एसईए ने घरेलू तेल प्रसंस्करण उद्योग की रक्षा के लिए प्रसंस्कृत खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की अपील करते हुए कहा है कि रिफाइंड पाम तेल के आयात के बढ़ने के साथ वनस्पति तेल आयात जून में 15 प्रतिशत बढ़कर 11.69 लाख टन हो गया।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि कच्चा और रिफाइंड वनस्पति तेल के बीच के शुल्क अंतर को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जानी चाहिए। मौजूदा समय में कच्चा खाद्य तेल पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत और रिफाइंड खाद्य तेल पर 20 प्रतिशत है।
एसईए ने कहा, “जून 2016 के दौरान वनस्पति तेल का आयात 11,69,456 टन का हुआ था जो आयात जून 2015 में 10,16,297 टन का हुआ था।” अक्तूबर में समाप्त हुए चालू तेल वर्ष के पहले आठ महीनों में वनस्पति तेल का आयात 10 प्रतिशत बढ़कर 97.63 लाख टन हो गया जो आयात पूर्व तेल वर्ष की समान अवधि में 88.49 लाख टन का हुआ था।
संघ ने कहा कि आरबीडी पामोलीन तेल का खतरनाक तरीके से बढ़ रहा आयात घरेलू रिफायनिंग उद्योग को गंभीरता से प्रभावित कर रही है। एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया, “हम चाहते हैं कि कच्चा और रिफाइंड खाद्य तेल के बीच के शुल्क अंतर को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाए।”