इंदौर (भाषा)। भारत का सोयाखली निर्यात मई में करीब 76 प्रतिशत घटकर महज 10,404 टन रह गया। मई 2015 में देश से 43,173 टन सोयाखली का निर्यात किया गया था।
प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। विज्ञप्ति के मुताबिक जारी तेल विपणन वर्ष (अक्तूबर 2015-सितंबर 2016) के शुरुआती आठ महीनों में भारत का सोयाखली निर्यात 67.38 प्रतिशत गिरकर 2,08,469 टन रह गया। पिछले तेल विपणन वर्ष में देश से अक्तूबर से मई के बीच 6,39,190 टन सोयाखली निर्यात किया गया था।
जानकारों के मुताबिक अमेरिका, ब्राजील और अर्जेन्टीना में सोयाबीन की बम्पर पैदावार हुई है। लिहाजा इन देशों की सोयाखली के भाव भारतीय सोयाखली के मुकाबले काफी कम हैं। नतीजतन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयाखली की मांग गिर रही है।
सोयाखली वह उत्पाद है, जो सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचा रह जाता है। यह उत्पाद प्रोटीन का बडा स्त्रोत है। इसका इस्तेमाल खासकर पशु आहार और मुर्गियों का दाना बनाने में होता है।