नई दिल्ली। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सलाहकर से ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ओडीओएफपी) के लिए उत्पादों को अंतिम रूप दिया है। देशभर के 728 जिलों के लिए कृषि, बागवानी, पशु, पोल्ट्री , दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से उत्पादों की पहचान की गई है।
एक जिला एक फोकस उत्पाद योजना के तहत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तय किया है कि देश 226 जिलों में फल, 40 जिलों में धान, 107 जिलों में सब्जियां और 105 जिलो को मसालों की खेती को बढ़ावा और मूल्य सवर्धन कर उत्पाद बनाकर उनकी ब्रांडिंग की जाएगी। कृषि मंत्रालय ने देश के सभी 728 जिलों में वहां होने वाली फसलों और कृषि के आधार पर इन जिलों का चयन किया है। मंत्रालय के मुताबिक ओडीओपी योजना के कार्यान्वयन से किसानों को लाभ होगा और इसके बाद कृषि निर्यात में बढ़ोतरी होगी।
The products of One District One Focus Product will be promoted in a cluster approach through convergence of the Government of India schemes, to increase the value of the products and with the ultimate aim of increasing the income of the farmers.@PMOIndia @nstomar
— Sanjay Agarwal (@SecyAgriGoI) February 27, 2021
उत्पादों की सूची को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से जानकारी लेने के बाद अंतिम रूप दिया गया है। 27 फरवरी को जारी बयान में कहा गया है कि इन उत्पादों को भारत सरकार की योजनाओं के जरिए एक व्यापक नजरिए और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए बढ़ावा दिया जाएगा। ओडीओपी में चुने गए जिलों के उत्पादों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम-एफएमई योजना (“पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेस) के तहत आर्थिक और तकनीकी मदद की जाएगी। पीएम-एफएमई योजना को आत्मनिर्भर भारत के तहत जून 2020 में शुरु किया गया था, योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपए से प्रोमोटरों और सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जाता है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में संगठित रुप से लगभग 25 लाख खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी शामिल हैं जो अपंजीकृत और अनौपचारिक हैं। इनमें से लगभग 66 प्रतिशत यूनिट देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और उनमें से भी लगभग 80 प्रतिशत परिवार आधारित उद्यम हैं। पीएम-एफएमई योजना और ओडीओपी के समावेश के जरिए इन उद्मम से जुड़ों लोगों की मदद की जाएगी।
With Centre finalising the list of One District One Focus Product –#ODOFP, the convergence of various schemes- promoted via the cluster approach will enable each district to realise its full potential, fuel growth, generate employment & entrepreneurship. https://t.co/x8aFbweOfw
— Rajiv Kumar 🇮🇳 (@RajivKumar1) March 1, 2021
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय अपनी एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) जैसी मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से ओडीओएफपी की मदद करेगा।
विभिन्न जिलों के लिए उत्पाद इस प्रकार हैं :
1- धान – 40 जिले
2- गेहूं – 5 जिले
3- मोटे एवं पोषक अनाज- 25 जिले
4- दलहन – 16 जिले
5- व्यावसायिक फसलें – 22 जिले
6- तिलहन – 41 जिले
7- सब्जियाँ – 107 जिले
8- मसाले – 105 जिले
9- वृक्षारोपण – 28 जिले
10- फल – 226 जिले
11- फूलों की खेती – 2 जिले
12- शहद – 9 जिले
13- पशुपालन/डेयरी उत्पाद – 40 जिले
15- जलीय कृषि/समुद्री मत्स्य पालन – 29 जिले
16- प्रसंस्कृत उत्पाद – 33 जिले
यूपी की योजना चढ़ी परवान
एक जनपद एक उत्पाद योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर यूपी सरकार ने की थी। योजना के तहत जिलों के पारंपरिक शिल्प और लघु उद्योग (Traditional Crafts and Small Enterprises ) को बढ़ावा देने,उनके संरक्षण और उनके हुनर के जरिए रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना के तहत यूपी के सभी जिलों का अपना एक प्रोडक्ट है, जो उस जिले की पहचान है। ओडीओपी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) की श्रेणी में रखा गया है। यूपी सरकार इसके लिए न सिर्फ लोन में सब्सिडी देती है बल्कि प्रोक्डक्ट की ब्राडिंग और मार्केटिंग में भी सहयोग करती है। इस योजना को बाद केंद्र सरकार ने पूरे देश में लागू करने का ऐलान किया।