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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को अधिक बजट आवंटन से एफएमसीजी की बढ़ेगी मांग 

New Delhi

नई दिल्ली। इस बार के आम बजट में गांव, किसान, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत सारी योजनाओं की व्यवस्था की गई है। जिस वजह से यह माना जा रहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और लोगों में खरीदने की शक्ति बढ़ेगी।

एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि खाद्य प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर खर्च में बढ़ाने के सरकार के कदम से तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र में मांग बढ़ेगी।

इमामी ने निदेशक हर्ष वी. अग्रवाल ने बताया, “नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) जैसे आर्थिक सुधारों के बाद दो साल तक मंदी के बाद देश की वृद्धि दर ने फिर जोर पकड़ी है। इसलिए वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट से विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों और कदमों की उम्मीद थी।”

अग्रवाल ने कहा, “अवसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था इस बजट के प्रमुख लाभार्थी हैं। सबसे बड़ी आबादी के लिए रोजगार सृजन और उनके खर्च करने की क्षमता में बढ़ोतरी का स्वाभाविक लाभ एफएमसीजी क्षेत्र को मिलेगा।”

देसाई ब्रदर्स (मदर्स रेसिपी- खाद्य खंड) की व्यापार विकास प्रमुख संजना देसाई के मुताबिक, सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से ग्रामीण उपभोग में इजाफा होगा और समूची ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

देसाई ब्रदर्स की मदर्स रेसिपी नामक ब्रांड है, जो अचार, पेस्ट से लेकर रेडी-टू-कुक मिक्स बनाती है।

देसाई ने कहा, “आम बजट 2018-19 एफएमसीजी क्षेत्र के लिए काफी सकारात्मक है। विभिन्न ग्रामीण योजनाओं में आवंटन बढ़ाने से ग्रामीण आय में इजाफा होगा, जिससे गांवों में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।”

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को बजट पेश करते हुए सरकार द्वारा कृषि, आजीविका और ग्रामीण अवसंरचना पर खर्च बढ़ाने की घोषणा की थी, साथ ही फसल बीमा, ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, किसानों के कर्ज के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की थी।

बजट में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कुल 2,01,933 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

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डॉ. ओटकेर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओलिवर मिर्जा ने बताया, “हम सरकार के कॉरपोरेट कर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने के कदम का स्वागत करते हैं, जो 250 करोड़ रुपए से कम कारोबार वाली कंपनियों पर लागू होगा। इससे कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा और व्यापार का विस्तार होगा व रोजगार सृजन होगा, जिस पर सरकार का जोर है।”

डॉ. ओटकेर इंडिया एक जर्मन पैकेज्ड फूड कंपनी है, जिसने साल 2008 में फन फूड ब्रांड का अधिग्रहण किया था।

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