गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की कोई योजना नहीं : पासवान  

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   30 April 2017 2:12 PM GMT

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गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की कोई योजना नहीं : पासवान   अम्बाला के किसान गेहूं को एक जगह एकत्र करते हुए।

नई दिल्ली (भाषा)। सरकार की गेहूं पर आयात शुल्क को और बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की तत्काल कोई योजना नहीं है। इसकी वजह यह है कि सीमाशुल्क की मौजूदा दर पर भी विदेशों से गेहूं की खरीद नहीं हो रही है।

फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में करीब 9.8 करोड़ टन के रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन के मद्देनजर इसके आयात को रोकने के लिए 28 मार्च को गेहूं पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया गया था। इससे पहले करीब चार महीने तक गेहूं पर किसी तरह का आयात शुल्क नहीं लगाया गया था।

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया, जब मौजूदा आयात शुल्क पर कोई आयात नहीं हो रहा है तो इसे और बढ़ाने का कोई प्रश्न ही नहीं है, इसके अलावा ऐसा कोई प्रस्ताव हमें अभी प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने के अंत तक निजी व्यापारियों के द्वारा करीब 55 लाख टन गेहूं का आयात किया गया और इसमें ज्यादातर शून्य सीमाशुल्क पर आयात हुआ।

उन्होंने कहा कि बंपर नई फसल की उम्मीदों के बीच घरेलू बाजार में इसकी पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। सरकार और निजी कंपनियां दोनों ही किसानों से गेहूं की खरीद कर रही हैं।

सरकार की गेहूं खरीद के बारे में पासवान ने कहा कि नई फसल की आवक तेजी से हो रही है और सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा प्रदेश सरकारों की एजेंसियां बफर स्टॉक बनाने के लिए गेहूं की खरीद कर रही हैं जो घटकर 70 लाख टन से कम रह गया है।

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उन्होंने कहा कि अभी तक इन एजेंसियों के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दो करोड़ टन से भी अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है, अधिकांश गेहूं खरीद सत्र (अप्रैल से मार्च) के पहले चार महीनों में खरीदा गया है।

पासवान ने कहा, खरीद की गति को देखते हुए हमें गेहूं खरीद चालू वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य यानी 3.3 करोड़ टन से अधिक रहने की उम्मीद है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में गेहूं खरीद का काम लगभग पूरा हो गया है जहां अभी तक 64 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है जबकि पंजाब में 88 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में आयात को रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि किसानों के हित में घरेलू कीमतें एमएसपी से पर्याप्त अधिक हैं, इसके अलावा उपभोक्ताओं के हित में खुदरा कीमतें भी अंकुश में हैं।

कृषि मंत्रालय ने संकेत दिया है कि वर्ष 2016-17 में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 9.8 करोड़ टन का होगा हालांकि आधिकारिक तौर पर अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वह उत्पादन 9.66 लाख टन रहने की बात कह रहा है।

               

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