लखनऊ। मंडी व्यापारियों के साथ साथ लोगों को उम्मीद थी कि इस वर्ष नवंबर के अंत तक प्याज के दाम सस्ते हो जाएंगे। लेकिन नासिक और महाराष्ट्र में हुई बारिश के कारण किसानों ने खरीफ प्याज का रकबा घटा दिया, जिससे नए साल की शुरूआत तक प्याज की महंगाई बरकरार रहेगी।
लखनऊ में सीतापुर रोड पर नवीन गल्ला मंडी में सब्जियों के बड़े व्यापारी मो. अब्बास ( 42 वर्ष) पिछले आठ वर्षों से प्याज का व्यापार कर रहे हैं। अब्बास बताते हैं,” मंडी में हरियाणा और नासिक से प्याज बहुत ज़्यादा आता है, लेकिन इस समय प्याज का कोई भी डीलर नहीं मिल पा रहा है। दिसंबर से मंडी में खरीफ का प्याज आने लगता है, लेकिन इस बार नासिक में बारिश बहुत हो गई है, इसलिए वहां प्याज देर से बोया गया है। बाहर से प्याज कम अा रहा है, इसलिए यहां पर प्याज के दाम बढ़ रहे हैं। ”
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कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय, उत्तर प्रदेश के मुताबिक मौजूद समय में मंडियों में प्याज की आवक कम है। इसका नतीज़ा है कि प्याज का थोक भाव 2850 रुपए प्रति कुंतल तक पहुंच गया है, वहीं फुटकर भाव 40 रुपए किलो है।
महाराष्ट्र के जालना गाँव के रहने वाले किसान गुरूदत्त शिंदे ( 37 वर्ष) प्याज के बीज के व्यापारी हैं। इस वर्ष ज़्यादा खरीददार न मिल पाने से उनकी कमाई अच्छी नहीं हो पाई है। गुरूदत्त ने बताया,” दो साल से यहां पर किसानों को प्याज बहुत कम रेट पर बेचना पड़ा है। सस्ते दाम पर प्याज निकलने के कारण इस बार खरीफ सीज़न में किसानों ने बीज कम खरीदा है।”
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पिछले महीने प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने प्याज पर स्टॉक सीमा की अवधि दिसंबर तक बढ़ा दी है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक रखने की सीमा को 31 अक्तूबर 2017 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2017 किया गया है। लेकिन मंडियों में प्याज की आवक नहीं बढ़ रही है।
” दीपावली के बाद प्याज के दामों में अचानक अाई तेज़ी के कारण पूरे देश में प्याज की ज़बरदस्त मांग रही। प्याज की आपूर्ति के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व नासिक से आने वाले प्याज की फसल के स्टॉक की मदद ली गई। ” यह बताया मंडी परिषद के सह निदेशक कृषि विपणन एवं विदेश प्यापार दिनेश चंद्रा ने। उन्होंने आगे बताया कि अब चारों राज्यों में प्याज का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है ऐसे में अब प्याज व्यापारियों को खरीफ की खेप के आने का इंतज़ार था। लेकिन बाहर से प्याज न आने पर मंडियों में प्याज की आवक लगातार घट रही है, इसलिए प्याज महंगा बिक रहा है।
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लखनऊ मंडलीय जिलों की मंडियों में प्याज की कीमतें 24 अक्टूबर को 1900 से 2000 रुपए प्रति कुंतल थी वहीं मौजूदा समय में कीमतें बढ़कर 2850 से लेकर 3000 रुपए पर पहुंच गई हैं।
प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में जब मंडी परिषद, यूपी के निदेशक धीरज कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा, ” मंडियों में किसी भी कृषि उत्पाद का रेट निर्धारित नहीं होता है। आवक के आधार पर रेट घटता- बढ़ता है। अभी खरीफ के नए प्याज की आवक मंडी में आना शुरू नहीं हुई है इस वजह से कीमतें बढ़ी हैं, नई आवक आने पर प्याज़ के दाम घट जाएंगे।”