कुलिंग एवं हीट ट्रीटमेंट सिस्टम से दाल में नहीं लगेंगे कीट और फंगल

नई तकनीक की मशीनों से बढ़ेगी दाल उत्पादन व गुणवत्ता, एग्जीबिशन में नई तकनीक की ऐसी मशीनों का प्रदर्शन किया गया जो दाल में से कंकर, डंठल, दागी दाना सब अलग कर अच्छे माल को अलग कर देती हैं

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   9 Feb 2019 12:45 PM GMT

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कुलिंग एवं हीट ट्रीटमेंट सिस्टम से दाल में नहीं लगेंगे कीट और फंगल

इंदौर। आमतौर पर व्यापारियों एवं किसानों द्वारा स्वयं के गोदामों एवं वेयरहाउसेस में दलहन एवं अनाज का भंडारण किया जाता है, जिसमें माल को सुरक्षित रखने के लिए रसायनों एवं कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसके बावजूद वह सुरक्षित नहीं रह पाता, जिससे काफी नुकसान होता है। इन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए कई कम्पनियों ने आधुनिक तकनीक की मशीनें बनाई हैं, जिमसें दालें सुरक्षित रहेंगी।

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन द्वारा दाल मिलों की आधुनिक व नवीनतम मशीनरी तथा कलर सॉर्टेक्स मशीनों की एक्जीबिशन का आयोजन लाभ-गंगा कन्वेंशन सेंटर पर किया गया। प्रदर्शनी में नई टेक्नालाजी की कलर सार्टेक्स मशीनों की विभिन्न नेशनल एवं इंटरनेशनल कम्पनियों ने उत्पादों का डेमो किया।

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नवीनतम मशीनों से दालों की क्लिनिंग का काम भी किया जाता है।

एग्जीबिशन में नई तकनीक की ऐसी मशीनों का प्रदर्शन किया गया जो दाल में से कंकर, डंठल, दागी दाना सब अलग कर अच्छे माल को अलग कर देती हैं। इस एक्जीविशन में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, यूपी. हरियाणा, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, प. बंगाल और तमिलनाडू सहित अन्य प्रांतों से करीब पांच हजार दाल मिलर्स, व्यापारियों एवं उद्योगपतियों ने मशीनों का प्रदर्शन देखा। लगभग 100 से अधिक नेशनल एवं इंटरनेशनल कम्पनियों ने अपने अपने फूड प्रोसेसिंग मशीनों का प्रदर्शन कर अपने उत्पादों की विशेषता, गुणवत्ता एवं कार्यशैली के बारे में जानकारी दी।

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मिरर कामास कलर सार्टेक्स साउथ कोरिया के मेनेजिंग डायरेक्टर प्रसाद जरीपटके ने बताया, " कम्पनी द्वारा निर्मित कलर सार्टेक्स मशीन का मल्टी कमोडिटी उपयोग है। मशीन द्वारा दालों, सभी प्रकार के खाद्यान्नों को शार्ट क्लिनिंग कर उसे सुपर फाइन क्वालिटी बनाया जाता है। नवीनतम मशीनों द्वारा दालों के सार्टेक्स (क्लिनिंग एवं क्वालिटी) के अतिरिक्त अन्य खाद्यान्न, मसाले, सीड्स एवं प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग का काम भी किया जाता है।"

मिल्टेक मशीनरी लि. बैंगलोर के मार्केटिंग डिप्टी जनरल मेनेजर देवोपम दत्ता ने बताया, " कम्पनी द्वारा दलहन, विभिन्न खाद्यान्न, मसाले और सोयाबीन सहित अन्य सीड्स के प्रोसेसिंग से सम्बंधित सभी प्रकार के आधुनिक एवं नवीनतम टेक्नालाजी की मशीनों का निर्माण किया जाता है। यह 2000 किग्रा प्रति घण्टा से लगाकर 22 से 25 टन प्रति घण्टा की क्षमता से फूड प्रोसेसिंग का कार्य करती हैं।"

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करीब पांच हजार दाल मिलर्स, व्यापारियों एवं उद्योगपतियों ने मशीनों का प्रदर्शन देखा।

फ्रीगार-टेक के सेल्स मेनेजर डा. क्लास एम. ब्रोनबेक ने बताया," आमतौर पर व्यापारियों एवं किसानों द्वारा स्वयं के गोदामों एवं वेयरहाउसेस में दलहन एवं अनाज का भंडारण किया जाता है, जिसमें माल को सुरक्षित रखने के लिए रसायनों एवं कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इसके बावजूद वह सुरक्षित नहीं रह पाता, जिससे काफी नुकसान होता है।

इन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए कम्पनी द्वारा ग्रेन को सुरक्षित रखने के लिए कुलिंग एवं हीट ट्रीटमेंट सिस्टम का निर्माण किया गया है। जिसमें माल का स्टोरेज करने पर माल डेमेज नहीं होगा, साथ ही कीट एवं फंगल से माल सुरक्षित रहेगा। कम्पनी द्वारा निर्मित यह सिस्टम 23 किलो वाट से लगाकर 215 किलो वाट तक की बिजली से चलने वाले हैं। इनकी छोटे प्लांट की कीमत 20 लाख रुपए और बड़े प्लांट की कीमत 1 करोड़ रुपए है। "

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