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आलू का हो निर्यात, घोषणा पत्र के वायदे पूरे करें सीएम 

किसानों को नुकसान

रविन्द्र सिंह यादव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सकरावा (कन्नौज)। इस बार आलू किसानों की मेहनत माटी मोल बिक गयी, किसानों को सही दाम नहीं मिल पाया। आज प्रदेश के नए मुख्यमंत्री ने शपथ ले ली है, इसी के साथ नए मुख्यमंत्री से किसानों की भी उम्मीदें बढ़ गईं हैं।

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जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर बसे सौरिख ब्लॉक क्षेत्र के सकरावा इलाके के कुछ गाँव के किसानों से बातचीत में सामने आया कि वह नई सरकार से काफी उम्मीदे रखते हैं, जिसमें आलू प्रमुख मुद्दा है। साथ ही भाजपा के घोषणा पत्र पर अमल करना भी।

पट्टी गाँव के 62 वर्षीय किसान विश्वनाथ सिंह का कहना है कि सरकार से आशा है कि आलू का निर्यात होगा। गेहूं में बोनस अन्य सरकारों से बेहतर मिलेगा। कर्ज माफ होगा, यह सुना है लेकिन किसका और कैसे होगा यह पता नहीं। नगला विशुना गाँव के राजेश कहते हैं, ‘‘सीमांत कृषक हो या फिर लघु किसान। किसान तो सभी हैं। कर्ज भी सभी का माफ होना चाहिए। इसमें भेदभाव न हो।”

आलू के दामों में मामूली बढ़ोतरी, 300-450 कुंटल तक पहुंचीं कीमतें

56 वर्षीय मलिकंतपुर निवासी शिवपाल का कहना है कि उम्मीद है किसानों का कर्ज माफ हो। आलू की समस्या भी निपटाई जाए। इसके लिए चिप्स बनाने वाली कंपनी लगे। आलू की खपत हो। प्रदेश में खुशहाली आए। गन्ना मील भी चालू हों। अगर अच्छा काम नहीं किया तो किसान साथ छोड़ देगा। अगली बार सरकार चली जाएगी।

भारत ही नहीं आलू के ज्यादा उत्पादन से पाकिस्तान और बांग्लादेश भी परेशान

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