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कृषि उत्पाद एवं पशुधन बाजार समिति कानून 2017 को लागू करने की तैयारी

Crop MSP

नीति आयोग ने कहा कि वह देश में विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन प्रणाली (एमएसपी) लागू करने के लिए एक व्यवस्था को तैयार करेगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने विभिन्न फसलों के एमएसपी को लागू करने की व्यवस्था के बारे में एक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कृषि, वित्त मंत्रालय, नीति आयोग एवं खाद्य एवं वितरण विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा विभिन्न राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हिस्सा लिया।

यह लगातार तीसरा साल है जब देश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग हर कृषि उत्पाद की कीमत एमएसपी से 20-45 फीसदी कम रही है। अधिक पैदावार होने पर व्यापारी निर्ममता से किसानों का शोषण करते हैं। कर्नाटक में यूनिफाइड मार्केट प्लेटफार्म की शुरूआत हुई जिससे देशभर में 585 ई-नाम या नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट बने। लेकिन इसके बाद भी किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ।

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मॉडल प्राइस का सिद्धांत दैनिक व्यापार के औसत पर आधारित है, इसे समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि इससे भी बहुत कम कीमत मिलती है। ई-नाम दरअसल एक राष्ट्रव्यापी प्लेटफार्म है जिसे स्पॉट ट्रेडिंग की सहूलियत के लिए बनाया गया है।

देश में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग( सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने खरीफ और रबी सत्रों के 24 कृषि जिंसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है। हालांकि आयोग ने इस बात को संज्ञान में लिया कि केन्द्र और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा की जाने वाली खरीद चावल, गेहूं और कुछ मात्रा में मोटे अनाजों तक ही सीमित है।

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सरकार नाफेड, एसएफएसी और कुछ अन्य एजेंसियों के जरिए कुछ मात्रा में तिलहनों, दलहनों की भी खरीद करती है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने राजीव ने सभी राज्यों से तत्काल एपीएमसी कानून को संशोधित करने तथा मॉडल एपीएलएमसी (कृषि उत्पाद एवं पशुधन बाजार समिति) कानून 2017 को लागू करने की अपील की।

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