Gaon Connection Logo

शाहजहांपुर और बदायूं जिले में बनाया जा रहा दलहन बीज उत्पादन केंद्र

KVK

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। प्रदेश में अब किसानों को दलहन की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि शाहजहांपुर और बदायूं जिले को दलहन का सीड हब बनाया जा रहा है। इन जिलों में दलहन प्रोसेसिंग यूनिट लगायी भी जाएगी।

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ और भारतीय अनुसंधान संस्थान ने मिलकर दलहन को बढ़ावा देने के कार्यक्रम शुरू किया गया है। कृषि मंत्रालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शाहजहांपुर और बदायूं को दलहन का बीज उत्पादन केंद्र बनाने के लिए चयन किया है। इस बीज उत्पादन की जिम्मेदारी कृषि विज्ञान केंद्रों को दी गयी है।

कृषि विज्ञान केन्द्र शाहजहांपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एलबी सिंह बताते हैं, “पश्चिमी यूपी के दोनों जिलों में दलहन की प्रोसेसिंग यूनिट लगायी जाएगी, इनमें खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम की उड़द, मूंग, मटर, मसूर और मूंगफली के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगायी जाएगी।”

शाहजहांपुर जिले में किसान गन्ने की खेती बड़ी मात्रा में करते हैं, ऐसे में किसान गन्ने की फसल के साथ मसूर की खेती ले रहे हैं। दलहन को बढ़ावा देने का काम शाहजहांपुर में साल 2014 से ही शुरु कर दिया गया था, शाहजहांपुर जिले में लगभग 32 हजार हेक्टेयर में मसूर की खेती की जा रही है। डॉ. एलबी सिंह आगे कहते हैं, “मसूर की खेती कम लागत में हो जाती है, इसकी फसल को नीलगाय भी नहीं नुकसान पहुंचाते हैं। जिले में करीब 75 हजार किसान मसूर की खेती कर रहे हैं।

मसूर का बीज कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से फ्री दिया जाता है। मसूर की फसल बोने से पहले किसान के खेत की मिटटी की जांच कराई जाती है, जिन तत्वों की मिट्टी में कमी होती है, उन तत्वों को पूरा कराने के बाद ही मसूर की बुवार्ई करार्ई जाती है। मसूर की फसल की लगातार कृषि विज्ञान केंद्र निगरानी करता है।

“हम किसानों से मसूर खरीद लेंगे और प्रोसेसिंग करके के बीज तैयार किया जाएगा। इसके बाद पैकिंग कर बीज को किसानों को दिया जाएगा। शाहजहांपुर में लगने वाले बीज अनुसंधान यूनिट की मॉनीटरिंग भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर करेगा।” डॉ. एलबी सिंह ने आगे बताया।

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...