सामुदायिक बारात घर बना आवारा जानवरों का अड्डा

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रिपोर्टर – प्रशांत श्रीवास्तव 

नानपारा, बहराइच। ”भइया ये शादी घर अब नहीं रहा। शादी-बियाह तो यहां साल में एक आध बार ही होते हैं। लेकिन नसेड़ी, जुआरी और आवारा जानवर दिनभर यहां डेरा डाले रहते हैं। हम लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।” इतना कहते-कहते झल्ला पड़ते हैं, कस्बे के एक मात्र सरकारी बारात घर के बाहर पान की दुकान लगाने वाले बाबू भाई।

बाबू का गुस्सा जायज भी है। बहराइच जिले के नानपारा कस्बे में बने दीन दयाल उपाध्याय लग्न मंडपम में इन दिनों गंदगी और आवारा जानवर ही दिखाई देते हैं। वर्ष 2000 में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा प्रखंड ने लाखों रुपये की लागत से इस शादी घर का निर्माण कराया। यहां पर बारातों के अलावा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होने थे, लेकिन निर्माण के बाद किसी ने इसकी सुध नहीं ली। गंदगी के चलते लोग कम किराए के बावजूद निजी बारात घर बुक कराते हैं।

लग्न मंडपम के पास ही सब्जी की दुकान लगाने वाले फारुख (30 वर्ष) बताते हैं, ”अफसोस इस बात का है कि भवन के कोतवाली के सामने और नगर पालिका परिषद के बगल में स्थित होने के बावजूद प्रशासन ने आंखें मूंद रखी हैं।” एक और दुकानदार अली (35 वर्ष) बताते हैं, ”पहले तो कभी-कभार सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते थे, जिससे साफ-सफाई बनी रहती थी लेकिन अब सिर्फ दीपावली में ही यहां झाड़ू लगती है। क्योंकि उस दौरान यहां पटाखों की दुकानें लगती हैं। लोगों का कहना है अगर प्रशासन इस भवन का देखभाल नहीं कर सकता है तो कम से कम नाम ही बदल दे ताकि पंडित दीनदयाल जी के नाम का उपहास ना उड़े।”

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