देश के गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 10 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी कर दी है। मोटे दौर पर देंखे तो अब देश के करीब एक किसानों को गन्ने का सरकारी तय मूल्य 285 रुपए प्रति कुंतल का मिलेगा। लेकिन गन्ने की वास्तविक कीमत क्या होगी ये उससे निकलने वाली चीनी यानि रिकवरी रेट पर तय होगा। चीनी मिलें इसी के अनुरूप भुगतान करेंगी।
बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, “गन्ने के एफआरपी में 10 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अब 285 रुपए कुंतल यानि 2850 रुपए टन का रेट मिलेगा। सरकार ने ये रेट 10 फीसदी रिकवरी पर तय किया है। लेकिन अगर एक फीसदी रिकवरी ज्यादा होगी तो किसान को प्रति कुंतल 28.50 प्रैसे ज्यादा मिलेगा, लेकिन अगर रिकवरी 9.5 या उससे कम होता है तो गन्ना किसानों को 270 रुपए 75 पैसे प्रति कंतल का दाम मिलेगा। ये फैसला किसानों के हितों को देखते हुए लिया गया है, सरकार के इस फैसले से एक करोड़ किसानों को फायदा होगा।”
गन्ने की #FRP 10 रुपए प्रति कुंतल बढ़ी
केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री @PrakashJavdekar ने कहा कि अब गन्ना किसानों को 285 रुपए प्रति कुंतल का रेट मिलेगा। इससे 1 करोड़ किसानों को फायदा होगा। #SugarCane #FRP #CabinetDecisions
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार अब बड़े पैमाने पर चीनी मिलों से एथेनॉल खरीद रही है। पिछले साल 60 रुपए प्रति लीटर की की दर 190 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद हुई थी। इस तरह देंखें तो एक करोड़ किसान और उनके परिवारों को मिला लें तो 5 करोड़ किसान परिवारों को न्याय देने का काम हुआ।
#CCEA ने दी गन्ने के ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ निर्धारण को मंजूरी.
1 करोड़ गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 285 रु. प्रति क्विंटल निश्चित हुआ है, अगर रिकवरी 9.5% या उससे भी कम रहती है तो भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270 रु. दाम मिलेगा.#CabinetDecisions pic.twitter.com/vvRzQfU24Y
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) August 19, 2020
नई दरें अक्टूबर 2020 से शुरु होने जा रहे गन्ना सीजन 2020-21 लागू होंगी। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने ये फैसला कृषि एवं लागत मूल्य आयोग की सिफारिश के मुताबिक किया है। पिछले साल गन्ने की एफआरपी 275 रुपए प्रति कुंतल थी, जिसमें अब 10 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
भारत में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेंलगाना समेत कई राज्यों में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को गन्ने का गढ़ कहा जाता है। यूपी में इस वर्ष गन्ने क्षेत्र में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। यूपी का कुल गन्ना क्षेत्र 27.16 लाख हेक्टेयर आंका गया है। यूपी की 92 चीनी मिलों/कंपनियों द्वारा कोरोना काल में 1,52,39,100 लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया गया है।
यूपी में गन्ना और गन्ना भुगतान की स्थिति
पिछले काफी समय में यूपी में किसान गन्ना भुगतान को लेकर लड़ाई भी लड़ रहे हैं। किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन ने भुगतान को लेकर दो दिन पहले ही पश्चिमी यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन किया था। वहीं यूपी सरकार ने 18 अगस्त को जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार में अब तक 1,03,719 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है जो एक रिकॉर्ड है।
गन्ने की #FRP 10 रुपए प्रति कुंतल बढ़ी
केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री @PrakashJavdekar ने कहा कि अब गन्ना किसानों को 285 रुपए प्रति कुंतल का रेट मिलेगा। इससे 1 करोड़ किसानों को फायदा होगा। #SugarCane #FRP #CabinetDecisions
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