ताइवानी खरबूजा उगा कर बनाई पहचान
गाँव कनेक्शन 27 April 2016 5:30 AM GMT
विशुनपुर (बाराबंकी)। बढ़ती लागत ओर लगातार घट रहे मुनाफे के कारण जहां एक ओर कुछ किसानों ने परम्परागत खेती से दूरी बनाई है, तो कुछ ने फलों की खेती में अच्छा मुनाफा कमाना भी शुरू कर दिया है।
बाराबंकी मुख्यालय से 25 किमी दूर देवा ब्लाक के दफेदार पुरवा के किसान मुइनुद्दीन (38 वर्ष) आजकल ताईवान के खरबूजे उगा रहे हैं। लीक से हटकर खेती करने वाले मुइनुद्दीन को इससे अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है।बाॅबी नाम से जाना जाने वाला ताइवानी खरबूजे का बीज भारत में नोन यू सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, यह खरबूजा दूसरे खरबूजे से अधिक मीठा व रसीला होता है। इसका स्वाद भी आम खरबूजे से बेहतर होता है। यह कई दिनों तक ख़राब भी नही होता है।मुइनुद्दीन बताते हैं, “मैंने इस बार बाबी खरबूजे की बुवाई की है, इस खरबूजे को उगाने में प्रति एकड़ 55000 से 60000 रुपए का खर्च आता है। इसकी पैदावार प्रति एकड़ 12 टन तक हो जाती है, यह खरबूजा बड़े-बड़े शहरो में 80 से 90 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है।” मुइनुद्दीन आगे बताते हैं, “इस खरबूजे को मलचिंग बिधि से उगाया जाता है । इसमें खेतों में बड़ी-बड़ी नालियां बनाई जाती हैं, फिर उन पर पालीथीन बिछाई जाती है, जिससे फल पॉलीथीन के ऊपर ही रहता है, जिससे फलों में मिट्टी नहीं लगती।”मलचिंग विधि में पानी की खपत कम होती है। कई दिनों तक नमी बनी रहती है और खरपतवार भी नहीं होते। प्रति हफ्ते कीटनाशक व फफूंदी नाशक दवाई का छिड़काव करना पड़ता है।रिपोर्टर - अरुण मिश्रा
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