तिरूवनंतपुरम। केरल सरकार ने कटहल को अपना आधिकारिक फल घोषित किया। केरल के कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार ने राज्य विधानसभा में इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की।
कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार ने कहा कि इसका उद्देश्य देशभर में और विदेशों के बाजारों में केरल के कटहल को एक ब्रांड के रूप में बढ़ावा देकर इसके जैविक और पौष्टिक गुणों को प्रदर्शित करना है। राज्य में हर साल लगभग 32 करोड़ कटहल का उत्पादन किया जाता है जिसमें से 30 प्रतिशत व्यर्थ हो जाता है।
कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार ने कहा कि कटहल और इससे संबद्ध उत्पादों की बिक्री से 15 हजार करोड़ रुपए का कुल राजस्व मिलने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि केरल का कटहल जैविक और स्वादिष्ट है क्योंकि इसका उत्पादन बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशकों के इस्तेमाल से बहुत ही प्राकृतिक तरीके से किया जाता है।
केरल राज्य में कटहल की खेती ने आम, केले और अन्ननास की खेती को पीछे छोड़ दिया। कटहल में विटामिन ए, विटामिन सी, थायमीन, पोटाशियम, कैल्शियम, आयरन और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। एक किलो कटहल में 95 कैलोरी होती है। कटहल के बीज में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, पोटाशियम और भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है।
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केरल राज्य का आधिकारिक पशु हाथी, आधिकारिक पक्षी ग्रेट हार्नबिल और कानिकोन्ना आधिकारिक फूल है। सरकार हर साल फलों और उसके उत्पादों को जनता के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए ‘जेकफुट फेस्ट’ भी आयोजित करती है।
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इनपुट भाषा
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