लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। साथ ही धान की साफ-सफाई के लिए 20 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी भी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि धान की खरीद एक अक्टूबर 2019 में शुरू होगी। इस खरीफ विपणन सीजन में राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 50 लाख मीट्रिक धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है जबकि पिछले खरीफ सीजन में राज्य में 48.25 टन धान खरीदा था।
बैठक में राज्य की 23 सहकारी चीनी मिलों को 3,221.63 करोड़ रुपए कैश क्रेडिट सहकारी बैंकों से देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
गत वर्ष हमने 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया था व उस लक्ष्य को पूरा करते हुए लगभग 48.2 लाख मीट्रिक टन धान भी खरीदा। इस वर्ष भी हमनें 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है और यदि इस लक्ष्य से ज्यादा धान भी आएगा तो उसे भी हम खरीदेंगे: श्री @ptshrikant
— Government of UP (@UPGovt) September 10, 2019
राज्य की गुड़, खंडसारी इकाइयों के लिए एकमुश्त समाधान योजना 10 फीसदी अधिक बजट के साथ तीन साल के लिए लागू होगी। इसके लिए 31.20 करोड़ की जगह 49.09 करोड़ रुपए का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही कृषि निर्यात पर नई पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई। इसका मकसद कृषि निर्यात को बढ़ाना और वर्ष 2024 तक कृषि निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।
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केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2019-20 के लिए ए ग्रेड धान का एमएसपी 1835 रुपए और सामान्य किस्म के धान की एमएसपी 1845 रुपए प्रति कुंतल तय किया है। केंद्र सरकार ने पिछले साल धान के समर्थन मूल्य में 65 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की थी। उत्तर प्रदेश में सरकारी धान केंद्र पर धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी जो 28 फरवरी 2020 तक चलेगी।
उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक या जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से 23 सहकारी चीनी मिलों को नकदी ऋण दिया जाता है। वह धनराशि इस वर्ष ₹ 3,221.63 करोड़ रखी गई है और इसके साथ ही उस पर चीनी मिलों से 0.25% गारंटी शुल्क निर्धारित है: श्री @SidharthNSingh pic.twitter.com/hNBmlYeSY1
— Government of UP (@UPGovt) September 10, 2019
मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 11 प्रस्ताओं पर मुहर लगी। बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ खादी ग्रोमोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह मौजूद रहे। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि हमने पिछले वर्ष भी 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा और हमने 48.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा भी था।
इस वर्ष हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बरेली , मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, आगरा, झांसी और अन्य जिलों में एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होगी जो 31 जनवरी 2020 तक चलेगी। रायबरेली, उन्नाव, प्रयागराज, चित्रकूट, बस्ती, वाराणसी, आजमगढ़ और अन्य कुछ जिलों में धान की खरीद एक नवंबर से 29 फरवरी 2020 तक चलेगी।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकाध इस किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले बिचौलियों पर भी शिकंजा कसेगी। उन्होंने आगे कहा कि 100 कुंतल से ज्यादा धान लाने वाले को बुआई का प्रमाण दिखाना होगा। किसानों से पहचान पत्र लेकन धान की खरीद की जायेगी और धान के पैसे 72 घंटे में उनके बैंक खाते में भेज दी जायेगी। इस बार बटाई और ठेके पर खेती करने वाले किसानों से भी धान खरीदा जायेगा।
निर्यात बढ़ाने पर जोर
कैबिनेट की बैठक में कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने पर अहम फैसले हुए। बैठक में उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 को मंजूरी दी गई। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदेश से कृषि निर्यात वर्ष 2024 तक 2524 मिलियन यूएस डॉलर (17,591 करोड़ करोड़ रुपए) के वर्तमान मूल्य से दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब 50 से 100 हेक्टेयर व इससे अधिक के कलस्टर बनाकर समूह में कृषि होगी।