पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र भारत के निर्यात के नए केंद्र के रूप में उभरा है। आने वाले समय में कृषि उत्पादों के निर्यात की और भी ज्यादा संभावनाएं हैं।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार, पिछले छह महीनों के दौरान पूर्वांचल क्षेत्र से लगभग 20,000 मीट्रिक टन (एमटी) कृषि उपज का निर्यात किया जा चुका है। इन निर्यातों में से लगभग 5,000 मीट्रिक टन ताजे फल और सब्जियां और 15,000 मीट्रिक टन मोटे अनाज वियतनाम, खाड़ी देशों, नेपाल और बांग्लादेश को परिवहन के सभी माध्यमों के उपयोग के जरिये निर्यात किए जा चुके हैं।
पूर्वांचल प्रभाग में वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, प्रयागराज, बस्ती, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और संत रवि दास नगर के जिले शामिल हैं।
Minister of state of commerce @AnupriyaSPatel attended ‘Agri-Export Conference cum Buyer Seller Meet’ organized by #APEDA at #Mirzapur, #UttarPradesh . Meet was attended by Exporters, FPOs & other stakeholders & will boost agri-exports from Eastern Uttar Pradesh.#AgriExport #BSM pic.twitter.com/BRzDk5QmlX
— APEDA (@APEDADOC) December 4, 2021
वाराणसी और समीप के क्षेत्रों ने वर्ष 2021 के अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर महीनों में क्रमशः लगभग 12 एमटी, 22 एमटी तथा 45 एमटी का निर्यात दर्ज किया। इसके अतिरिक्त, वाराणसी तथा निकटवर्ती क्षेत्रों से लगभग 125 एमटी का भी निर्यात किया गया है।
क्योंकि वाराणसी का क्षेत्र गंगा नदी के मैदानी हिस्सों में स्थित है, यहां पर्याप्त उर्वरता की मात्रा के साथ मिट्टी की समृद्ध पोषक संरचना है जिससे अच्छी गुणवत्ता के कृषि-ऊपजों का उत्पादन होता है। वाराणसी क्षेत्र में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) संस्थान, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई), बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) जैसे विख्यात केंद्रीय और् अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी हैं।
एपीडा ने पूरे वाराणसी क्षेत्र में 30 से अधिक क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किया है जिसके बाद आठ अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन किया गया है जिसने निर्यातकों को वैश्विक बाजारों में अपने खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए एक मंच उपलब्ध कराया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, सरकार पूर्वांचल के गोरखपुर क्षेत्र में भी वाराणसी मॉडल की पुनरावृत्ति करने पर विचार कर रही है क्योंकि दोनों ही स्थानों की भौगोलिक स्थिति, जनसांख्यिकीय स्थिति और कुछ अन्य मानक समान ही हैं। कुशीनगर में हाल ही में स्थापित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी निर्यात में तेजी लाने में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
एपीडा ने गैर-बासमती चावल के व्यापक अनाज और पोषण गुणवत्ता प्रोफाइलिंग, चावल से मूल्य वर्द्धित उत्पादों तथा चावल आधारित खाद्य प्रणालियों के लिए तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। दिसंबर 2019 में वाराणसी से दुबई के जेबेल अली बंदरगाह के लिए एपीडा द्वारा 14 मीट्रिक टन हरी मिर्च के पहले प्रायोगिक शिपमेंट के निर्यात को सुगम बनाया गया था।
एपीडा द्वारा कदम उठाये जाने के बाद महामारी के दौरान वाराणसी से पहली बार 3 मीट्रिक टन ताजी सब्जियां लंदन निर्यात की गईं, 3 मीट्रिक टन ताजे आम दुबई के लिए निर्यात किए गए, 1.2 मीट्रिक टन ताजे आम लंदन को निर्यात किए गए, 520 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल कतर भेजे गए तथा 80 मीट्रिक टन क्षेत्रीय चावल ऑस्ट्रेलिया के लिए निर्यात किए गए।