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एमएसपी पर 432 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा की गेहूं खरीद, राजस्थान ने तोड़ा अपना रिकॉर्ड

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में 27 जून तक 432.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 11.89 फीसदी ज्यादा है। इसके एवज में किसानों को 85,483.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
wheat procurement

नई दिल्ली। देश में चालू रबी सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 432.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 12 फीसदी ज्यादा है। सरकार के मुताबिक ये अब तक देश में रिकॉर्ड गेहूं खरीद है। इसके साथ ही राजस्थान में भी गेहूं खरीद उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

उपभोक्ताी कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए 27 जून तक 432.83 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई है। जबकि पिछले साल की इसी समान अवधि में 386.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। देश में गेहूं खरीद का सबसे उच्चतम स्तर है, क्योंकि इसने आरएमएस 2020-21 के पिछले उच्च स्तर 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के आंकड़े को पार कर लिया है।

1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से हो रही गेहूं खरीद से अब तक लगभग 49.07 लाख किसानों से गेहूं की खरीद की गई है, जिसके बदले में किसानों को 85,483.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

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पंजाब पहले, मध्य प्रदेश दूसरे, हरियाणा तीसरे, और यूपी चौथे नंबर पर

पूरे देश में हुई खरीद में पंजाब से सबसे ज्यादा 132.01 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई, जिसके बाद मध्य प्रदेश से 128.08 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है, 84.93 लाख मीट्रिक टन के साथ हरियाणा तीसरे और 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के साथ यूपी चौथे नंबर पर है। राजस्थान से 23.19 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है जो प्रदेश के लिए एक रिकॉर्ड है।

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9,37,396.81 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की खरीद

इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 108.42 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई थी। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई है।

यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।

खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के तहत 27 जून तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 9,37,396.81 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 5,66,630 किसानों को 4,881.58 करोड़ रुपये की आय हुई है।

खोपरा की 5089 मीट्रिक टन की खरीद

फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। विपणन सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51000 मीट्रिक टन खोपरा खरीदने की मंजूरी दी गई है, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तिथि से खरीद कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।

संबंधित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें दलहन और तिलहन की आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय की गई तारीख से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रही हैं। 

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