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यूपी में एक 1 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं खरीद, किसानों को मिलेंगी कई सहूलियतें

लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गेहूं उत्पादक किसानों को अब अपना गेहूं बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। किसानों को जहां उनके गेहूं का उचित मूल्य मिलेगा वहीं गेहूं खरीद की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी होने से बिचौलियों से राहत मिलेगी। सरकार ने इस साल गेहूं की खरीद का लक्ष्य भी दोगुना करने का निर्णय लिया है।

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वहीं आज कृषि उत्पादन आयुक्त प्रदीप भटनागर की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया गया कि क्रय नीति में रबी विपणन वर्ष 2017-18 हेतु कृषकों से उतराई, छनाई एवं सफाई मद में कोई धनराशि नहीं ली जाएगी, इस धनराशि को मण्डी समिति द्वारा दिया जाएगा। इससे पहले मण्डी समिति द्वारा 3 रुपए प्रति कुन्तल की दर से धनराशि की प्रतिपूर्ति दी जाती थी। इससे किसानों को नुकसान होता था।

इसके अलावा अब अकुशल श्रमिकों जो मनरेगा के अंतर्गत आते हों, को 175 रुपए से कम मजदूरी नहीं दी जाएगी। इस वर्ष गेहूँ खरीद की सभी जानकरी ऑनलाइन रखी जाएगी। गेहूं खरीद का कार्य 01 अप्रैल से 15 जून तक किया जाना है। बैठक में सर्व सहमति से तय किया गया कि जिलाधिकारियों, सम्भागीय खाद्य नियंत्रकों, क्रय एजेन्सियों एवं सहकारिता विभाग द्वारा लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं के भण्डारण हेतु भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध भण्डारण क्षमता के अतिरिक्त, उपलब्ध हो सकने वाले प्राईवेट गोदाम, बन्द चावल एवं फ्लोर मिल, बन्द कोल्ड स्टोरेज, बन्द सिनेमा गृह, मण्डी यार्ड व सहकारिता विभाग के समितियों में उपलब्ध भण्डारण क्षमता का भी आंकलन करा लिया जाए, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर गेहूं भण्डारण का कार्य कराया जा सके।

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