कतर्निया घाट में आएंगे कर्नाटक के हाथी

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कतर्निया घाट में आएंगे कर्नाटक के हाथीगाँव कनेक्शन

बहराइच। कतर्नियाघाट सेंक्चुरी में जल्द ही कर्नाटक के हाथियों की चिंघाड़ सुनाई पड़ेगी। यहां आने वाले पर्यटक इन हाथियों पर सवारी भी कर सकेंगे। कर्नाटक गए कतर्नियाघाट के वनाधिकारियों ने वहां के 20 हाथियों को चिह्नित किया है। अब कर्नाटक के वनाधिकारियों के ऑफर लेटर का इंतजार किया जा रहा है। ऑफर लेटर मिलते ही पर्यावरण वन मंत्रालय से एनओसी हासिल कर कर्नाटक के गजराजों को कतर्नियाघाट लाया जाएगा। इस प्रक्रिया मेें अप्रैल तक का समय लगने की उम्मीद है।

कतर्नियाघाट सेंक्चुरी को हाल ही में इको टूरिज्म का दर्जा दिया गया है लेकिन कतर्नियाघाट आने वाले पर्यटकों को भ्रमण कराने के लिए अभी तक जंगल में महज हाथिनी जयमाला और चंपाकली ही हैं। ऐसे में वनकर्मियों को गश्त में भी दिक्कत होती है। वनकर्मी किस तरह गश्त करें, पर्यटकों के हाथी की सवारी के डिमांड को कैसे पूरा किया जाए, इसको लेकर आए दिन पशोपेश की स्थिति होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए कर्नाटक से हाथियों को कतर्निया लाने की योजना बनाई गई थी। इस योजना पर अमल शुरू हो गया है। 

कतर्नियाघाट सेंक्चुरी के प्रभागीय वनाधिकारी आशीष तिवारी ने बताया कि दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार की अगुवाई में गए वनाधिकारियों के दल ने कर्नाटक में 20 स्वस्थ हाथियों को चिह्नित कर टैगिंग का कार्य किया है। इस दौरान कर्नाटक के वनाधिकारी भी साथ थे। अब कर्नाटक से हाथियों को यूपी के कतर्नियाघाट सेंक्चुरी लाने के लिए ऑफर लेटर का इंतजार किया जा रहा है। डीएफओ ने बताया कि पखवारे भर में ऑफर लेटर मिलने की उम्मीद है। ऑफर लेटर मिलने के बाद यूपी और कर्नाटक के पर्यावरण वन मंत्रालय की एनओसी की कवायद शुरू होगी। डीएफओ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक प्रदेश के वनाधिकारियों में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। डीजी फॉरेस्ट से भी सकारात्मक वार्ता हुई है। इसी मसले को लेकर दिल्ली में बैठक भी हो चुकी है। 

प्रत्येक रेंज में पहुंचेंगे दो-दो हाथी

डीएफओ ने बताया कि कर्नाटक से हाथी कतर्नियाघाट पहुंचने के बाद प्रत्येक रेंज में दो-दो हाथी भेजे जाएंगे ताकि जंगल की नियमित गश्त हो सके। इसके साथ ही पर्यटकों के भ्रमण के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे। 

हाथी की सवारी से  दिखेंगे बाघ

डीएफओ ने बताया कि अभी कतर्निया आने वाले पर्यटक बाघ की एक झलक पाने के लिए तरसते रहते हैं। बाघ अक्सर ग्रासलैंड के आसपास रहते हैं। हाथियों के आने पर एक छोर से हाथियों का मूवमेंट करके बाघों को दूसरे तरफ  भेजा जाएगा, जिससे आसानी से पर्यटक बाघ देख सकेंगे।

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.