कुपोषण पर नियंत्रण के लिए गाँवों के हैंडपंपों की होगी मैपिंग

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कुपोषण पर नियंत्रण के लिए गाँवों के हैंडपंपों की होगी मैपिंगगाँव कनेक्शन

बागपत। अब लोहिया गाँवों में प्रत्येक हैंडपंप की मैपिंग की जाएगी। लोहिया गाँवों में अभियान को पूरा करने के बाद दूसरे गाँवों में अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत जिले के जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गोद लिए गाँवों से होगी। साथ ही हैंडपंप से कितने परिवार पानी पी रहे है सहित कई जानकािरयां ली जाएगी। 

कुपोषण व इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के लिए गाँवों में लगे हर हैंडपंपों की मैपिंग होगी। इसके लिए जिले में व्यापक अभियान चलेगा। अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गोद लिए गाँवों व लोहिया गाँवों से होने जा रही है। मैपिंग का आशय हैंडपंप से कितने परिवार पानी पी रहे हैं। मैपिंग के साथ लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जाएगा कि पीने के लिए वे सिर्फ इंडिया मार्क हैंडपंप का ही प्रयोग करें। इस क्रम में खराब अथवा दूषित पानी देने वाले हैंडपंपों की गहराई भी बढ़ाई जानी है। अभियान के पहले चरण में हैंडपंपों की खराबी पता की जाएगी। यह देखा जाना है कि हैंडपंप में कहीं लीकेज तो नहीं है। जिलाधिकारी ने मैपिंग के लिए विशेष निर्देश दिया है। इंडिया मार्क हैंडपंप के जरिए स्वच्छ पेयजल का सेवन हर कोई करे। चबूतरा मरम्मत व जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण मनरेगा की धनराशि से कराया जाएगा। जिला विकास अधिकारी जिले व बीडीओ ब्लाक स्तर पर अभियान के नोडल अधिकारी होंगे। 

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों व सीडीओ को पत्र भेजकर अवगत करा दिया है। जिले के सीडीओ जेपी रस्तोगी ने बताया, “इंडिया मार्क हैंडपंपों के प्रयोग से बीमारियों पर नियंत्रण मिल सकेगा। इसके लिए खराब हैंडपंपों को चिहि्नत कराने का कार्य शुरू करा दिया गया है। नागरिकों को इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। सर्वे व मैपिंग में गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जाएगी।”

जिले में आधे इंडिया मार्क हैंडपंपों का पानी खराब

जिले में लगाए गए इंडिया मार्क हैंडपंपों की कुल संख्या 25 हजार के करीब है। इनमें से 65 फीसद ऐसे हैं जिनका पानी पीने योग्य नहीं है। इन हैंडपंपों को सुरक्षित किया जाना है। दरअसल अधिकतर हैंडपंपों की गहराई मानक के अनुरूप है ही नहीं। उन्हें गहराई तक लगाने की बजाय औपचारिकता पूरी कर ली गई है। 

शासन ने मांगी सूची

बागपत। राष्ट्रीय पेयजल मिशन के तहत गांवों में स्वच्छ पानी के प्रयोग के लिए जागरुकता पैदा करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जाएगी।

 

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