कूड़े से रोज़ाना बनेगी ढाई मेगावाट बिजली

Swati ShuklaSwati Shukla   8 Nov 2015 5:30 AM GMT

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कूड़े से रोज़ाना बनेगी ढाई मेगावाट बिजली

बाराबंकी। जि़ले में अब कूड़ा तो साफ होगा ही, साथ ही लोगों को बिजली की सही आपूर्ति भी मिल पाएगी। केंद्र सरकार की योजना व पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड योजना के तहत बिजली संयंत्र लगवाने का कार्य किया जा रहा है। इस संयंत्र के द्वारा कूड़े से बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

गाँव व शहर में कूड़े को लेकर आए दिन समस्या होती रहती है। चारों तरफ कूड़े के कारण दुर्गंध फैलती रहती है। जि़ले में इस समस्या को खत्म करने के लिए कूड़े से बिजली बनाने की तैयार शुरू कर दी गई है। पलहरी चौराहे के पास 15 करोड़ की लागत से बना प्लांट बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो गया है।

जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर मानपुर गांव के रहने वाले अंकित रावत (35 वर्ष) बताते है,''गाँव में बिजली की समस्या सबसे ज्यादा है। बच्चे दिन में ही पढ़ते हैं क्योंकि रात में बिजली तो आती नहीं है। अगर कूड़े से बिजली का उत्पादन हो जाएगा तो कम से कम अधिक बिजली तो मिल पाएगी, जिससे बच्चे रात में पढ़ सकेंगे।" वो आगे बताते है।

नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के तहत कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में शहर से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े को इकठ्ठा किया जाता है। प्लांट लगने से प्रतिदिन ढाई मेगावाट बिजली की सप्लाई हो सकेगी। कूड़ा निस्तारण प्लांट के निर्माणकर्ता बीएन तिवारी बताते है, ''पूरे बाराबंकी की गंदगी से बिजली की समस्या खत्म हो जाएगी। इस बिजली की कीमत पांच रुपये के आस-पास होगी। सरकार ने हमको यह ज़मीन प्लांट लगाने के लिए दी है। इस कार्य में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत आई है। कूड़ा निस्तारण प्लांट में बिजली संयंत्र लगाने का काम तेजी से चल रहा है।"

प्लांट को लेकर धीरे-धीरे आवासीय प्लाट लेने वाले लोग कुछ विवाद उठा रहे हैं, जबकि इस प्लांट से लोगों को कई सुविधा मिलने वाली है।

पावर कॉर्पोरेशन में ट्रांसफर की जाएगी बिजली

पॉवर कार्पोरेशन के अधिशासी अभियंता एसके सिंह बताते है,''नगर पालिका परिषद कूड़ा निस्तारण प्लांट से उत्पादित बिजली की आपूर्ति शहर मेें नहीं होगी। यह बिजली नगर पालिका के द्वारा पावर कॉर्पोरेशन को बेची जाएगी। इससे मिलने वाली धनराशि से शहर का विकास कार्य किया जाएगा। केद्र सरकार की योजना के तहत हो रहे इस संयंत्र से प्रतिदिन ढाई मेगावट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस बिजली का उत्पादन शहर से निकलने वाले कूड़े से किया जाएगा।" बाराबंकी उपखण्ड अधिकारी कप्तान सिंह बताते है, ''इस प्लान्ट से फायदा यह होगा कि शहर के कूड़े का निस्तारण होगा। गाँव व शहर में बिजली आपूर्ति की समस्या को कम करने में सहायता होगी। प्रदूषण नियंत्रण के तहत ये प्लान्ट आबादी से दूर होना चाहिए, रेलवे स्टेशन लाइन से दूर होना चाहिए।"

15 करोड़ की लागत से तैयार हुआ प्लान्ट 

जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर उत्तर दिशा में स्थित पलहरी प्रात में यह प्लान्ट लगाया गया है। अंजनी कुमार प्लान्ट इन्जीनियर बताते है, ''15 करोड़ की लागत से यह प्लांट बना है। वार्ड से कूड़ा लाकर एक जगह इकठ्ठा करने के बाद चिमनी में डालकर जलाने की प्रक्रिया की जाती है। चिमनी में स्क्रबर लगा कर धुएं को शुद्घ कर पानी के कई स्तर से गुजारते हैं। तब इसमें से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के अनुकूल हो जाता है जिससे प्रदूषण नहीं होगा। बिजली को पावर कॉर्पोरेशन में ट्रांसफर करेंगे और छोटे-छोटे ग्रिड में बनाए जाएंगे। इसके बाद एक मीटर लगाकर देखेंगे कि कितनी बिजली दे रहे हैं।"

लोगों को नहीं है भरोसा

यहां के लोगों को इस प्लांट से बहुत आस नहीं दिख रही है। देवा ब्लॉक के निवासी आतिफ (36 वर्ष) को जब कूड़े से बिजली उत्पादन की बात बताई गई तो उसने बताया, ''अरे! ये सब तो बहुत दिन से सुनते आ रहे हैं, यहां बिजली की समस्या कभी नहीं खत्म होगी। गाँव में तो दूर की बात शहर में बिजली पूरी तरह आ जाए तो बड़ी बात है।"

 

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