लाशें पहाड़ों और इंसानों की
Arvind Shukkla 28 May 2016 5:30 AM GMT

महोबा। ज्यादा लालच और खनन में नियमों की अनदेखी से महोबा समेत पूरे बुंदेलखंड में जान जाने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को महोबा के तहसील चरखारी के गौरहारी गाँव में चट्टान खिसकने से दब कर चार मजदूरों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हैं।
टेल्कम पाउडर बनाने के लिए प्रयोग होने वाला पत्थर सिर्फ महोबा में ही पाया जाता है। अवैध तरीके से चल रही वाइट ग्रेनाइट (गोरा पत्थर) की खदान में सुरक्षा के कोई इंतजाम न होने और मोटी कमाई के लालच में ग्रामीण खनन में जुटे रहते हैं, जिससे ऐसे हादसों का शिकार हो जाते हैं। जहां अब महोबा में पहाड़ों के निशान बचे हैं, वहीं इनमें दबकर 40 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
महोबा के डीएम वीरेशवर सिंह ने सीएम के निर्देश पर मृतक परिवारों को दो-दो लाख रुपए देने का वादा किया है। आरटीआई कार्यकर्ता पंकज परिहार बताते हैं, “लोगों ने इलाका खोखला कर दिया है। लोगों का लालच है मूर्ति और टेलकम पाउडर बनाने वाला पत्थर सिर्फ यहीं मिलता है। खनन से जुड़े लोग टीबी के मरीज हो जाते हैं। मास्क आदि न लगाने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।”
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