लगभग 50 साल बाद मौनी अमावस्या, सोमवार के दिन कुंभ के दौरान आई है, क्यों खास है ये योग?

धर्म के अनुसार आज के दिन स्नान करने का महत्व बहुत अधिक है, इसलिए करोड़ों लोग प्रयाग पहुँच रहे हैं

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लगभग 50 साल बाद मौनी अमावस्या, सोमवार के दिन कुंभ के दौरान आई है, क्यों खास है ये योग?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अर्द्ध कुंभ चल रहा है, इसके चलते श्रद्धालु संगम में स्नान करने दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। आज, 4 फरवरी 2019 को मौनी अमावस्या है, धर्म के अनुसार आज के दिन स्नान करने का महत्व बहुत अधिक है, इसलिए करोड़ों लोग प्रयाग पहुँच रहे हैं। कल रात से ही गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर श्रद्धालुओं का आगमन जारी है, लोगों ने स्नान करना शुरू कर दिया है।

मान्यता है कि इस दिन कुंभ के पहले तीर्थांकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या से मौन व्रत तोड़कर प्रयाग में स्नान किया था। हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार इस दिन मौन व्रत रखने से सिद्धि की प्राप्ति होती है, इस दिन सात्विक भोजन किया जाना चाहिए, सूर्य को अर्घ देने से पापों से मुक्ति होती है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी ये महत्वपूर्ण है। इस दिन तर्पण, स्नान, दान करने को पुण्य माना जाता है। ये भी माना जाता है कि, मौनी अमावस्या के दिन नदियों में देवताओं का निवास होता है इसलिए लोग इस दिन नदियों में स्नान करने को महत्वपूर्ण मानते हैं, खासकर गंगा स्नान को। ये 2019 के अर्द्ध कुंभ का दूसरा शाही स्नान है, इससे पहले मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान संपन्न हुआ था।

4 फरवरी को मौनी अमावस्या पड़ने से ये और खास हो गई है क्योंकि आज सोमवार है, इसे सोमवती अमावस्या कहा जा रहा है। प्रयागराज में कुंभ चल रहा है, इस कारण इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। लगभग 50 साल बाद ये मौका आया है जब कुंभ में मौनी अमावस्या सोमवार के दिन पड़ी है, इस योग में गंगा के संगम पर स्नान करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति पाई जा सकती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को इस मौके पर बधाई देते हुए ट्वीट किया -

रविवार, 3 फरवरी को आधी रात से ही अमावस्या में शुभ मुहुर्त शुरू हो गया है। सोमवार दिन भर ये मुहुर्त रहेगा, आधी रात के बाद अमावस्या का समय खत्म हो जाएगा। सोमवार को सुबह लगभग 10 बजे 2 करोड़ लोगों के साथ 13 अखाड़ों के संतों ने भी संगम में डुबकी लगाई, इस मौके पर प्रशासन ने लोगों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी संगम में डुबकी लगाई।

      

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