उत्तर प्रदेश: पुराने दामों पर ही सरकार ने तय किया गन्ने का मूल्य, नहीं बढ़ाया गया एमएसपी

राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य पर ही चीनी मिलें किसानों का भुगतान करेंगी। सरकार नें गन्ना ढुलाई के भाड़े में भी कोई परिवर्तन नहीं किया है।

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उत्तर प्रदेश: पुराने दामों पर ही सरकार ने तय किया गन्ने का मूल्य, नहीं बढ़ाया गया एमएसपी

लखनऊ। संजय आर भूसरेड्डी (प्रमुख सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग) ने पिछले साल निर्धारित गन्ना मूल्य के आधार पर ही गन्ने के मूल्य निर्धारण का शासनादेश जारी किया है। सरकार ने इस बार भी अगेती प्रजाति के लिए 325 रुपए कुंतल, सामान्य प्रजाति के लिए 315 रुपए और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रुपए कुंतल मूल्य निर्धारित किया है।


सरकार ने पेराई सत्र 2017-18 के मुकाबले गन्ना मूल्य में इस बार कोई वृद्धि नहीं की है। 29 नवंबर को पेराई सत्र 2018-19 के लिए राज्य सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन गन्ना मूल्य निर्धारण पर मुहर लगाई थी। प्रमुख सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है।

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राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य पर ही चीनी मिलें किसानों का भुगतान करेंगी। सरकार नें गन्ना ढुलाई के भाड़े में भी कोई परिवर्तन नहीं किया है। पुराने दामों पर ही ढुलाई की जाएगी। इस पेराई सत्र में बाहरी क्रय केंद्रों से चीनी मिलों तक गन्ने के परिवहन की ढुलाई कटौती 42 पैसे प्रति क्विंटल प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से होगी। पिछले साल की तरह इस बार भी चीनी मिलों के नज़दीक क्रय केंद्रों से कम ढुलाई कटौती की जाएगी। ढुलाई कटौती अधिकतम 8.35 रुपए प्रति कुंतल होगी। ज्यादा दूरी पर स्थित क्रय केन्द्रों से भी ज्यादा से ज्यादा 8.35 रुपए कुंतल भाड़ा कटौती ही की जाएगी।

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गन्ना उत्पादन लागत में हुई बढ़ोतरी

इस बार गन्ना उत्पादन लागत में हर बार से वृद्धि हुई है। इस बात को राज्य सरकार ने स्वीकार किया है। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद ने गन्ना उत्पादन लागत का आकलन 297 रुपए प्रति कुंतल किया है। पिछले साल 2017-18 पेराई सत्र में उत्पादन लागत 289 रुपए प्रति कुंतल थी। इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण डीजल, बिजली, खाद, और कीटनाशकों का महंगे होना है।

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किसानों नें गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग की

गन्ना मूल्य निर्धारण समिति की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में किसानों ने 350-400 रुपये क्विंटल गन्ना का मूल्य निर्धारित करने की मांग की थी लेकिन चीनी के दामों में कमी को देखते हुए उत्तर प्रदेश चीनी मिल्स एसोसिएशन ने गन्ना मूल्य न बढ़ाने का आग्रह किया।

   

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