लोबिया उत्पादन से चारे के साथ बीज से कमाई
गाँव कनेक्शन 28 July 2016 5:30 AM GMT

बागपत। कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में सुन्हैड़ा गाँव में लोबिया के बीज उत्पादन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर कृषि विज्ञानियों ने किसानों से लोबिया को सहफसली खेती के तौर पर अपनाकर लाभ उठाने की अपील की।
सुन्हैड़ा गाँव में कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें डॉ. भूपेन्द्र ने किसानों को लोबिया की खेती की नवीनतम जानकारी दी। उन्होंने बताया, “किसानों को लोबिया की वैज्ञानिक खेती कर बीज का उत्पादन करना चाहिए। इससे अतिरिक्त लाभ होगा।”
उन्होंने बताया, “लोबिया ऐसी फसल है जिसको चारे के साथ-साथ बीज उत्पादन के हिसाब से भी बोया जा सकता है।” उन्होंने बताया कि लोबिया की पूसा संस्थान की रम्भा, अम्बा व पूसा सम्बद्ध ऐसी प्रजातियां हैं जो अधिक उपज के साथ-साथ कीट के प्रति प्रतिरोधी क्षमता रखती हैं। इसको बीज उत्पादन के साथ ही चारे के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लोबिया को गन्ने के साथ मक्का की फसल में सहफसली खेती के तौर पर भी उपजाया जा सकता है। इससे किसानों को आर्थिक लाभ होगा और चारे की आपूर्ति बनी रहेगी। इस मौके पर विकास बालियान ने खेत में खरपतवार को नष्ट करने के तरीकों की जानकारी दी। शिविर में डेढ़ दर्जन से अधिक किसानों ने हिस्सा लेकर लोबिया की फसल की जानकारी ली।
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