लोक अदालत: यूपी में एक दिन में निपटे सात करोड़ मामले

Swati ShuklaSwati Shukla   14 Dec 2015 5:30 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
लोक अदालत: यूपी में एक दिन में निपटे सात करोड़ मामलेगाँव कनेक्शन

लखनऊ/बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शनिवार 12 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालतों में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ लगी रही। इस दौरान 7.15 करोड़ मामले आपसी बातचीत से निस्तारित हुए तो कई पुराने मामलों में एक अरब रुपये से ज्यादा धनराशि की वसूली भी हुई।

सुप्रीम कोर्ट से तहसील स्तर पर पूरे देश में शनिवार को इन लोक अदालतों का आयोजन हुआ था। जो मामले निस्तारित हुए हैं उनमें से सात करोड़ विभिन्न प्रकार की शासकीय सुविधाओं से संबंधित थे और 15 लाख दीवानी, फौजदारी व राजस्व से जुड़े थे। स्टांप, राजस्व, बैंक देयों, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, अर्थदंड आदि प्रकरणों में एक अरब रुपये से अधिक धनराशि की वसूली भी की गई है। इन अदालतों में निस्तारित वादों में पारित आदेश का प्रभाव न्यायालय की  के समान होगा और उक्त आदेश के खिलाफ  कोई अपील नहीं होगी।

बाराबंकी में 75 हजार मुकदमों को निस्तारण

बाराबंकी जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत में 75 हजार मुकदमों का निस्तारण किया गया, जिनमें 6,59,942 प्रशासनिक व 14,446 मुकदमें दीवानी न्यायालय के निस्तारित किए गए। सभी मामलों को सुलझाने का प्रयास किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर विधिक सेवा प्राधिकरण ने सिविल न्यायालय परिसर व जि़ले के विभिन्न स्थलों पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। अध्यक्षता प्रभारी जनपद न्यायाधीश शान्ति प्रकाश अरविन्द ने की।

जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर फतेहपुर ब्लॉक के कन्दरौला गाँव की रहने वाली कमला देवी (69 वर्ष) के पास के डेढ़ बीघा खेत है, जिसमें खेती करने के लिए 2009 में 20 हजार रुपए का बैंक से लोन लिया था कमला देवी कुछ किश्ते जमा कर पाई बाकी फसल नुकसान के कारण नहीं जमा कर पाई। ब्याज ज्यादा हो गया तो घर पर नोटिस गई पैसा जमा करने राष्ट्रीय लोक अदालत आई कमला देवी बताती है, "अभी तक सिर्फ आठ हजार रुपया जमा कर पाए हैं, राष्ट्रीय लोक अदालत में अब दो हजार रुपया और जमा कर देगें तो बाकी पैसे से छूट मिल जाएगी।"

मोटर दुर्घटना के कुल 63 मुकदमें निस्तारित कर 1,38,72,113 रुपए प्रतिकर पीड़ित पक्षकारों को दिलाए गए। विभिन्न बैंकों ने 396 वादों को निस्तारित कर 1,45,19,092 रुपए जमा कराए। प्रभारी जिला जज एसपी अरविन्द ने मोटर दुर्घटना के नौ वाद निस्तारित कर 14 लाख 61 हजार 587 रुपये प्रतिकर, अपर जिला जज जयशंकर मिश्र ने तीन वादों में दस लाख रुपये प्रतिकर, अपर जिला जज बीके शैलेंद्र ने दस वादो में 20 लाख 48 हजार रुपये बतौर प्रतिकर दुर्घटना का प्रतिकर वसूला।

जिला मुख्यालय से 32 कि मी दूर सिद्धौर ब्लाक के ढेड़िया गाँव के श्रवण कुमार श्रीवस्ताव 30 बताते है, "मत्स्य पालन के लिए लोन लिया था पाँच साल पहले 30 हजार का लोन लिया था, कुछ किस्ते जमा किया कुछ समस्या के रहते पैसा नहीं जमा कर पाया धीरे-धीरे ब्याज बढ़ता गया। लोक अदालत में कुछ छूट मिल गई। 13 हजार रुपया जमा करना है। यह सब हम लोगों के लिए फायदे मन्द है।"

हरिहर कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी बताते है, "इस राष्ट्रीय लोक अदालत जनता के लिए बहुत लाभदायक है इसमे जनता को जल्दी न्याय मिल जाता है और कोर्ट कचेहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। इस मौके पर पुराने मुद्दे ज्यादा उठाए गया।"

प्राधिकरण के सचिव सिविल जज सीडी अभिषेक श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी अपर सत्र न्यायाधीश जयशंकर मिश्र व अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय विक्रम सिंह ने संयुक्त रूप से बताया, "निस्तारित वादों में 6,74,840 रुपए अर्थदंड के रूप में वसूला गया।"

पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष विवाहित मामले कम

इस वर्ष 1403 विवाहित मामले आए थें, बहुत से लोगों को गुजारा भत्ता मिला साथ ही समझौते भी हुए। 12 विवाहित जोड़ों का जो छोटे-मोटे विवादों के चलते अलग-अलग रह रहे थें, मामलों का निस्तारण करा कर एक साथ रहने के लिए राजी किया गया। प्रभारी जनपद न्यायाधीश शांति प्रकाश अरविन्द ने पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बनते ही पारिवारिक वादों के 24 मामलों का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर कराते हुए डेढ़ लाख की भरण-पोषण की धनराशि दिलायी।

रामजी(28वर्ष) और सविता कश्यप (26वर्ष) राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौता करके दोबारा साथ रहने के लिए तैयार हो गए। जिला मुख्यालय से तीन किमी. दूर बंकी ब्लाक के आजाद नगर गाँव की रहने वाली सविता कश्यप बताती है, "कम समझ होने से आपस में लड़ाई होती थी। शादी के नौ वर्ष हो गए हैं। शादी के एक साल बाद आपसी मनमुटाव होने लगा। तीन साल से कोर्ट में तलाक का मामला चल रहा है। आज लोक आदालत में समझौता हो गया अब हम अपने बेटे के साथ रहेंगे।"

तीन हजार से ज्यादा फौजदारी मामले निस्तारित

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुमार प्रशान्त ने फौजदारी के 3313 वादों को निस्तारित कर 1,48,480 रुपए अर्थदंड वसूला। एसीजेएम सुरजन सिंह ने 1633 वादों का निस्तारण कर 50230 रुपए अर्थदंड वसूला। एसीजेएम सियाराम चौरसिया ने 1426 फौजदारी वादों का निस्तारण कर 51,590 रुपए अर्थदंड वसूला।

करोड़ों के जारी हुए प्रमाणपत्र

सिविल जज सीडी अभिषेक श्रीवास्तव ने उत्तराधिकार के पचास वादों का निस्तारण कर 1,26,08,331.18 रुपए के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जारी किये। अपर सिविल जज सीडी आलोक दुबे ने उत्तराधिकार के दस मामलों में 9,33,265.93 रुपए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के रूप में जारी किये। सिविल जज जूडि अंजू राजपूत ने 38 वादों का निस्तारण किया। सिविल जज जूडि प्रदीप शुक्ला ने 328 वादों का निस्तारण कर 30,300 रुपए जुर्माना वसूल किया।

वसूला गया जुर्माना

अपर जिला जज ज्ञानेश कुमार दस वाद निस्तारित कर तीन लाख इक्यासी हजार छह सौ तीन रुपये, अपर जिला जज आरबीएस मौर्या ने चार वाद निस्तारित कर 1,43,995 रुपए जुर्माना वसूला। अपर जिला जज दयाराम ने पन्द्रह वाद निस्तारित कर 42,62,320 रुपए प्रतिकर, अपर जिला जज सत्यदेव गुप्ता ने सात वादों में 11,16,289 रुपये, अपर जिला जज उदयभान सिंह ने दस वादों में सत्रह लाख 24,428 रुपए, अपर जिला जज वीरभद्र ने पांच वादों का निस्तारण कर 7,07,000 रुपए बतौर प्रतिकर दुर्घटना का एवार्ड किया। 

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.