माटी मोल किसान का आलू

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माटी मोल किसान का आलू

लखनऊ/बाराबंकी। पिछले वर्ष आलू में घाटा खा चुके आलू किसानों को इस बार भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मौसम की मेहरबानी से इस बार आलू की बंपर पैदावार हुई है पर खेतों में आलू माटी के मोल बिक रहा है। खेतों से आलू साढ़े तीन सौ रुपए प्रति कुंतल से साढ़े चार सौ रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है।

प्रदेश में फर्रुखाबाद और आगरा जि़लों में सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन होता है। आगरा जि़ले के किसान सुरेश चौधरी (41 वर्ष) को पिछली बार आलू से घाटा हो गया था इस बार ढाई सौ बीघे में आलू बोया था। वो बताते हैं, ''पिछली बार नुकसान हो गया था इस बार भी बहुत कम रेट मिल रहा है। जो रेट चल रहे हैं उससे इस बार भी नुकसान होना तय है।"

आगरा की मंडी में आलू थोक भाव में पांच सौ रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है। लखनऊ स्थित दुबग्गा मंडी में भी इस बार आलू का दाम अभी चार से पांच रुपए प्रति कुंतल ही है। दुबग्गा मंडी के प्रभारी शिव गोपाल ने बताया, ''हर दिन करीब 2500 कुंतल आलू मंडी में आ रही है। इस बार ज्यादा आलू की पैदावार हुई है इसीलिए रेट थोड़े कम हैं।" 

लखनऊ से 75 किमी दूर उत्तर दिशा में बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक के टांड़पुर गाँव के किसान रामसागर शुक्ला (61 वर्ष) ने इस बार छह एकड़ में आलू लगाया है, लेकिन इस बार आलू इतना सस्ता हो गया कि लागत भी नहीं निकल पा रही है। राम सागर शुक्ला बताते हैं, ''इस बार छह एकड़ में आलू बोया था। किसान की मजबूरी है आलू रख भी नहीं सकता, दो सौ कुंतल आलू 360 रुपए कुंतल के हिसाब से बेचना पड़ा। जबकि करीब दो सौ कुंतल आलू चार सौ रुपए कुन्तल के हिसाब से बेचा है।" वो बतातेे हैं, ''अगर अभी यह रेट है तो बाद में क्या होगा यह सोचकर हमने सारा आलू बेेच दिया है।"

बड़े स्तर पर आलू की पैदावार होने की खास वजह इस साल देरी से शुरू हुई सर्दी को माना जा रहा है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पाले और शीतलहर की वजह से अगेती सब्जियों की फसलें नष्ट हो जाती हैं। इस साल जनवरी में भी ज्यादा सर्दी नहीं रही। इस वजह से आलू की पैदावार अच्छी हुई।

थोक मंडी में इस समय आलू तीन से पांच रुपए में बिक रहा है तो फुटकर मंडी में भी पांच से सात रुपए में आलू बिक रहा है। लखनऊ के आलू विकास अधिकारी वाहिद अली बताते हैं, ''मंडी में इस समय 500 से 550 रुपए प्रति कुंतल आलू बिक रहा है, इस समय यही दाम ही चलता है, ज्यादातर किसान इसी समय आलू की खुदाई करता है। इस बार आलू के बुवाई का क्षेत्रफल भी बढ़ा है और उत्पादन भी बहुत अच्छा हुआ है।" साल 2014-15 में प्रदेश में लगभग पांच लाख हेक्टेयर में आलू लगाया गया था और उत्पादन 129 लाख मीट्रिक टन था।

"इस बार पंजाब में भी आलू की पैदावार बढ़ी है, इसलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को कम दाम मिल रहा है, बाराबंकी के जिन किसानों ने कच्ची आलू की खुदाई कर ली है, अब वो मेंथा की फसल लगाएंगे। इस बार आलू का क्षेत्रफल भी बढ़ा है, जिससे कुछ प्रतिशत उत्पादकता में वृद्वि होगी।" एसपी जोशी, निदेशक, उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश 

 

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