इस किसान की तकनीक को अपनाकर घरों में सालभर प्याज रख सकते हैं सुरक्षित

प्याज को सड़ने से बचाने के लिए एक ड्रम और एग्जॉस्ट फैन की जरूरत पड़ती है। प्याज को ईटों के माध्यम से जमीन से 6 इंच ऊपर रखा जाता है। प्याज को ड्रम के माध्यम से एग्जास्ट फैन से हवा दी जाती है। हवा का प्रबंधन इस तरीके से किया जाता है जिससे प्रत्येक प्याज को हवा लगती रहे। अगर प्याज को सही तरीके से एग्जास्ट फैन से हवा दी जाए तो प्याज एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

Prem VijayPrem Vijay   13 May 2020 8:45 AM GMT

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इस किसान की तकनीक को अपनाकर घरों में सालभर प्याज रख सकते हैं सुरक्षित

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान मंडी में प्याज का भाव नहीं मिल रहा है। ऐसे में इस युवा किसान की तकनीक का किसान इस्तेमाल करके प्याज को सालभर घरों में सुरक्षित रख सकते हैं।

मध्य प्रदेश के धार जिले के मांडू रोड के छोटे से ग्राम देदला के एक युवा किसान रोहित पटेल (25 वर्ष) ने प्याज को सुरक्षित करने की एक आसान विधि तैयार की है, जिससे किसानों को मदद मिलेगी।

रोहित अपनी स्कूल की पढ़ाई के दौरान खेती में भी ख़ास दिलचस्पी रखते थे। रोहित ने बताया, "मैं हमेशा यही चाहता था कि किस तरह से किसानों को नुकसान से बचाया जाए। खेती में जो भी फसल की पैदावर हो उसका किसान को पूरा लाभ मिले। प्याज के मामले में किसानों को अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि लंबे समय तक इसका भंडारण नहीं कर सकते हैं। मैंने प्याज को सड़ने से बचाने के लिए जो तरीका अपनाया है अब उसे हजारों किसान अपना रहे हैं।"

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देश में अब तक करीब 10,000 किसान रोहित की खोजी विधि को अपना चुके हैं। इस नवाचार के लिए इन्हें तीन महीने पहले इंफोसिस संस्था द्वारा ग्रामीण विकास के सेंगमेंट में 10 लाख रुपए के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान कोई भी किसान प्याज को सुरक्षित रखने की इस विधी को अपनाकर अपना प्याज सड़ने से बचा सकता है। रोहित से सोशल मीडिया के माध्यम से किसान इस तकनीक के बारे में पूछकर लाभ ले रहे हैं। नाइजीरिया और दुबई के किसानों ने भी वेबसाइट और मेल के माध्यम से सलाह लेकर अपना प्याज सुरक्षित किया है।

ग्रामीण क्षेत्र के नवाचारों में इंफोसिस द्वारा इस नवाचार के लिए 10 लाख की राशि से रोहित को किया गया सम्मानित.

"इस विधि के तहत एक ड्रम और एग्जॉस्ट फैन की आवश्यकता होती है। प्याज को ईटों के माध्यम से जमीन से 6 इंच ऊपर रखा जाता है। प्याज को ड्रम के माध्यम से एग्जास्ट फैन से हवा दी जाती है। इस तरह हवा का प्रबंधन किया जाता है जिससे प्रत्येक प्याज को हवा मिलती रहे। प्याज को सही तरीके से एग्जास्ट फैन से हवा दी जाए तो प्याज एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है," रोहित ने बताया।

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इस विधि की सबसे ख़ास बात यह है कि 100 वर्ग फीट में सात टन तक प्याज को सुरक्षित रखा जा सकता है, जबकि अन्य विधि, इसमें महाराष्ट्र विधि से लेकर सभी विधि शामिल है। केवल 100 वर्ग फीट में ढाई टन से ज्यादा प्याज को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। इस तरह से यह दूसरी विधियों से बहुत आसान और प्याज को सुरक्षित रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है। इसके माध्यम से 95 प्रतिशत तक प्याज को सुरक्षित रखने का काम किया सकता है। इस विधी से प्याज सालभर आसानी से सुरक्षित रह सकता है। समय-समय पर प्याज के दाम बढ़ते रहते हैं ऐसे समय में इस प्याज को बेचा जा सकता है।

युवा किसान रोहित पटेल द्वारा अपनाई गयी विधी को 10,000 किसान अपना रहे हैं.

"मैं वर्ष 2008 से ही विधि पर लगातार काम कर रहा हूं। 12 साल के बाद बहुत सारी उपलब्धि प्राप्त हुई है। 10 हजार किसान इसे अपना चुके हैं। मेरे संपर्क नंबर के माध्यम से देश-विदेश के किसान भी संपर्क करते हैं। इस बारे मे इंफोसिस द्वारा तीन हजार नवाचारों के आवेदन स्वीकार किये गए थे। इनमें से 10 श्रेष्ठ ग्रामीण क्षेत्र के नवाचारों में मेरा चयन हुआ। वर्ष 2020 में मुझे इंफोसिस द्वारा इस नवाचार के लिए 10 लाख की राशि से सम्मानित किया गया," रोहित ने बताया।

रोहित पटेल एक छोटे से गांव के किसान होने के साथ-साथ ऊर्जावान युवा भी हैं। जिला मुख्यालय धार तथा इंदौर जैसे महानगर में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कर्फ्यू के हालात हैं। यहाँ कर्फ्यू लगा हुआ है। ऐसी स्थिति में आम लोगों को सब्जी उपलब्ध कराने के लिए रोहित ने एक विशेष एप्लीकेशन तैयार की है। जिसे 'है वेज' नाम दिया गया है। इसके माध्यम से ये लोगों को घर पर सुरक्षित और ताजा सब्जी पहुंचा रहे हैं।

रोहित ने विषम परिस्थिति में किसानों को अपने खेत की उत्पादन वाली सब्जियों को फेंकने के लिए मजबूर नहीं होने दिया। बल्कि उनको इस कारोबार से जोड़कर उनकी सब्जी की उपयोगिता सिद्ध की। अच्छे दाम भी उपलब्ध करवा रहे हैं, इस तरह से युवा सोच तकनीक और सही समय का लाभ लेकर उन्होंने इस दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत 200 से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिला है।

प्रेम विजय, कम्युनिटी जर्नलिस्ट, भोपाल

  

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