मध्यप्रदेश के 218 गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित, मुख्यमंत्री ने बनाई 11 विभागों की टास्क फोर्स

मध्य प्रदेश में आयी बाढ़ से कई जिले प्रभावित हैं, एनडीआरएफ और भारतीय वायु सेना का बचाव कार्य जारी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में 11 सरकारी विभागों की टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया।

Sachin Tulsa tripathiSachin Tulsa tripathi   6 Aug 2021 1:31 PM GMT

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मध्यप्रदेश के 218 गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित, मुख्यमंत्री ने बनाई 11 विभागों की टास्क फोर्स

ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी और चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले के गांव ज्यादा प्रभावित हैं। (Photo: Indian Air Force/Twitter)

पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई भीषण बारिश से कई गांव प्रभावित हुए हैं। वहां का जनजीवन अब तक सामान्य नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हवाई दौरा कर बचाव और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए है। साथ ही कैबिनेट बैठक में 11 सरकारी विभागों की टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया।

उत्तरी मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग के जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसमें ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी और चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले के गांव ज्यादा प्रभावित हैं। बाढ़ की स्थिति और राहत कार्य के लिए 6 अगस्त 201 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की वर्चुअल बैठक बुलाई।

बाढ़ से प्रभावित शिवपुरी जिले की करैरा तहसील में आने वाली ग्राम पंचायत बांस गढ़ के ग्रामीण रोजगार सहायक हरिकृष्ण रावत ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, ''गांव के दक्षिण में बड़ा तालाब है इससे छोटी-छोटी नहरें निकली हैं। जिससे कभी सिंचाई हुआ करती थी। इस तालाब के आसपास सात से आठ गांव हैं। 7-8 दिन लगातार हुई बारिश के कारण तालाब की इन्ही नहरों से गांवों में पानी घुस आया। हालांकि ये नहरें सिंचाई के काम नहीं आती हैं। उत्तर दिशा में मोनी सागर बांध की नहर है। यह भी ओवर फ्लो से गांव घिर गया। अधिकांश आदिवासी परिवार हैं कुछ तालाब के किनारे ही बसे थे उन्हे प्राथमिक स्कूल में रोका गया है। करीब 17-18 परिवार हैं जो सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।" बांस गढ़ गांव की जनसंख्या करीब 3000 हज़ार है।

गांव के प्रभावित किसान बट्टू राम आदिवासी (58 वर्ष) ने 'गांव कनेक्शन' को बताया, ''भैया, लगभग 20 बीघा जमीन है। इसमें हाल में धान बोई थी लेकिन बाढ़ में बर्बाद हो गई। यह कहते कहते उनका गला रुंध गया। आगे कहते हैं, ''मेरे अलावा गांव के 17-18 लोग हैं जिनके घर गिरे हैं। इनके खेतों में लगी फसल भी खराब हो गई है।"

बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा '' बाढ़ प्रभावित कई गांवों के लोगों के भोजन की व्यवस्था ठीक नहीं है। ऐसे में फैसला लिया गया है कि प्रति परिवार 50 किलो अतिरिक्त अन्न उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के 10 किलो के साथ अतिरिक्त जोड़ा जाएगा।"

मुख्यमंत्री के मुताबिक '' संभव हो तो बाढ़ पीड़ित परिवारों को 50 किलो आटा दिया जाए। ताकि तात्कालिक रूप से उनके खाने पीने की व्यवस्था हो सके। बाढ़ के कारण जो व्यक्ति मृत हुए हैं उनके परिवार को चार-चार लाख रुपए दिए जाएंगे।"

किराए के मकान के लिए 6 हजार रुपए

मुख्यमंत्री चौहान ने वर्चुअल कैबिनेट बैठक में कहा, ''बाढ़ प्रभावित लोगों को जिनके मकान गिर गए या उनकी छत टूट कर गिर गई है। ऐसे प्रभावित लोगों को 6000 रुपए दिए जाएंगे। इसका उपयोग वह चाहे तो किसी अन्य के यहां किराए का मकान ले लें या फिर तिरपाल आदि। जैसी उनकी व्यवस्था हो वो कर सकते हैं। सरकार उन्हे यह पैसा मकान के किराए के रूप में देगी।" इसके अलावा घर भी बनाएंगे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए और मनरेगा कन्वर्जन के माध्यम से करीब 1.20 लाख रुपए मकान के लिए दिया जाएगा।"

राहत और पुनर्वास के लिए टास्क फोर्स

वर्चुअल कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा '' बाढ़ प्रभावित गांवों के राहत और पुनर्वास के लिए 11 विभागों की टास्क फोर्स बनाई जा रही है। जिसमें विभागीय मंत्रियों के अलावा प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। टास्क फोर्स में गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, कृषि , लोक निर्माण, बिजली, जल संसाधन, स्वास्थ्य एवं लोक कल्याण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक, शहरी विकास और पशुपालन विभाग को शामिल किया गया है।

5 अगस्त को मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित गांवों का हवाई सर्वे किया था। उसके बाद मीडिया से कहा, ''शिवपुरी और श्योपुर के गांवों का हवाई सर्वे किया गया है। जिसमें शिवपुरी के सिलपरी, हर्रई, बरखेड़ी, नरवर, बैरार, सोनाड़ी, गधौली इसी तरह श्योपुर के ज्वालापुर, बेहड़ावाद और मेवाड़ का दौरा किया गया है। ग्वालियर के 150 और चंबल संभाग के 68 गांव सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित हैं।

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