मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व दुर्लभ पक्षियों का घर, सर्वेक्षण में मिले 247 प्रजाति के पक्षी
बाघ पुनर्स्थापना की अनूठी कामयाबी के चलते देश और दुनिया में विख्यात मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का भी बसेरा है। सर्वेक्षण में यहां 247 प्रजाति के पक्षी पाए गए हैं, जिनमें 21 ऐसी प्रजाति के पक्षी हैं जिन्हें संकटग्रस्त सूची में रखा गया है। विशेष बात यह है कि मध्य प्रदेश में पहली बार यहां व्हाइट टेल्ड आयोरा तथा ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल की मौजूदगी रिकॉर्ड की गई है।
Arun Singh 21 March 2022 9:35 AM GMT
पन्ना (मध्य प्रदेश)। बाघ और तेंदुओं की अच्छी खासी मौजूदगी से गुलजार मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से पक्षी प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी मिली है। अभी हाल ही में यहां आयोजित पक्षी सर्वेक्षण के जो नतीजे आए हैं, उसने बर्ड वाचिंग के शौकीनों को आल्हादित कर दिया है। इस पक्षी सर्वेक्षण ने यह साबित किया है कि पन्ना टाइगर रिजर्व सिर्फ जंगल के राजा बाघ व जंगल के राजकुमार कहे जाने वाले तेंदुओं का घर नहीं है बल्कि यहां पर आसमान के बादशाह गिद्धों सहित दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का भी बसेरा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में मार्च के पहले हफ्ते में हुए 3 दिन के विशेष सर्वे में पता चला है कि यहां 247 प्रजातियों के पक्षी मिले, जिनमें से 21 प्रजतियों आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने बताया, "28 टीमों ने रिजर्व पार्क के सभी रेंजो के अलग-अलग कैम्पों में रहकर वन क्षेत्र झाड़-झंखाड़ वाले क्षेत्र, घास के मैदान, नदी आदि में आवास स्थलों में पाए जाने वाले पक्षियों का डॉक्यूमेंट किया। सर्वेक्षण में पक्षियों का डॉक्यूमेंटेशन ईबर्ड एप पर किया गया। सर्वेक्षण में 247 प्रजातियों के पक्षी मिले, जिनमें से 21 प्रजतियों आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल हैं। मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले सभी 7 प्रजातियों के गिद्ध यहाँ अच्छीसंख्या में पाए गए हैं।"
दुलर्भ पक्षियों के बारे में उन्होंने बताया, "व्हाइट-टेल्ड आयोरा (White tailed iora), ओरिएण्टल पाइड-हार्नबिल (Oriental Pied Hornbil), स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड (Striated Grassbird), टाइटलर्स लीफ वार्बलर (Tytlers Leaf Warbler), विंगड कुक्कूश्राइक (Black winged Cuckooshrike), ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क (Black necked Stork) आदि प्रमुख हैं। व्हाइट टेल्ड आयोरा का मध्य प्रदेश से ईबर्ड पर यह पहला रिकॉर्ड है। ओरिएण्टल पाइड हार्नबिल पक्षी का भी मध्य प्रदेश में सिर्फ पन्ना से ही रिकॉर्ड है। स्ट्राइटेड ग्रासबर्ड जो बहुत दुर्लभ है, यहाँ केन नदी के अलग-अलग हिस्सों में अच्छी संख्या में देखी गयी, जिससे यह पता चलता है कि केन नदी का पर्यावास इनके लिए कितना अनुकूल है।"
पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क के अधिकारियों के मुताबिक गिद्धों के सफल सर्वेक्षणों के बाद पार्क में पाये जाने वाले पक्षियों के बारे में और अधिक जानने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा पहला पक्षी सर्वेक्षण 4 मार्च से लेकर 6 मार्च तक आयोजित किया गया। 4 से 6 मार्च के बीच हुए इस सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए 22 राज्यों और केद्र शाषित प्रदेशों से 450 प्राप्त हुए थे। जिसमे से 60 बर्डवॉचर्स का चुनाव कर 28 टीमें बनायीं गयी। प्रत्येक टीम के साथ पार्क गॉइड भी थे।
उत्तरी मध्य प्रदेश में विध्य पहाड़ियों में स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व को यूनेस्कों के वर्ल्ड नेटवर्क आफ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया है। लगभग 1600 वर्ग कि.मी. में फैले हुए इस रिजर्व में व्यापक पठारों, घाटियों और घास के मैदानों के साथ-साथ पार्क से होकर बहने वाली केन नदी है जो विभिन्न प्रकार के पक्षियों को अनुकूल आवास स्थल प्रदान करते हैं।
पक्षी दर्शन के लिए पीपरटोला सबसे अच्छी साइट
पक्षी सर्वेक्षण में पन्ना टाइगर रिजर्व के टूरिस्ट गाइडों की भी सहभागिता रही है, जो उनके लिए ज्ञानवर्धक साबित हुई है।टूरिस्ट गाइड मनोज दुबे ने गांव कनेक्शन को बताया, "पक्षी सर्वेक्षण हमारे लिए नया अनुभव रहा, जिसमें हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। इस सर्वेक्षण में देश भर के पक्षी विशेषज्ञ शामिल थे, जिनके साथ रहने से उन पक्षियों के बारे में भी जानकारी हासिल हुई जिनसे हम अनभिज्ञ थे।"
मनोज बताते हैं, "पन्ना टाइगर रिजर्व का पीपरटोला ग्रास लैंड पक्षी दर्शन के लिहाज से सबसे बढ़िया साइट है। यहां पानी, ग्रास लैंड व फलदार पेड़ बड़ी संख्या में हैं, जहां विविध प्रजाति के पक्षियों का बसेरा रहता है। अकेले पीपरटोला में ही 125 प्रजाति के पक्षी मिले हैं।"
पन्ना टाइगर रिजर्व के भौंरादेव क्षेत्र में सर्वे टीम के साथ शामिल रहे टूरिस्ट गाइड पुनीत शर्मा ने गांव कनेक्शन को बताया, "पक्षी विशेषज्ञों के साथ कैंपों में जब हम रुकते थे तो सभी अपना अनुभव शेयर करते थे। सर्वे के दौरान हम लोगों ने मैदानी वनकर्मियों की चुनौती पूर्ण जिंदगी को निकट से देखा और यह महसूस किया कि वे कितनी कठिनाइयों के बीच वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु तैनात रहते हैं। पुनीत बताते हैं कि नदी के किनारे हर समय पक्षियों का कलरव सुनाई देता है, यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी भी आते हैं।"
पक्षी विशेषज्ञ मीशा बंसल (बेंगलुरु) ने गांव कनेक्शन को बताया, "पन्ना टाइगर रिजर्व में पक्षी सर्वेक्षण का उनका अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। यहां का जंगल बहुत ही खूबसूरत व भौगोलिक संरचना अद्भुत है। कैम्प में रुकने और ठहरने की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई थी। हमारे साथ बिल्कुल मेहमानों की तरह व्यवहार किया गया।"
मीशा बताती हैं, "यहां के टूरिस्ट गाइड नया सीखने के लिए बहुत उत्सुक रहे। आप के मुताबिक तालगांव इलाके में वल्चर बहुत अच्छी संख्या में दिखाई दिए। जैसे ही धूप निकलती थी गिद्ध नजर आने लगते थे। मैं जहां से हूं वहां गिद्ध नजर नहीं आते, यहां पहली बार गिद्धों को देखा तो बहुत ही अच्छा लगा।"
वर्ष 2011 में यहां हुई थी गिद्ध गणना की शुरुआत
पक्षी प्रेमी तथा अवर टाइगर रिटर्न के लेखक पियूष शेखसरिया ने गांव कनेक्शन को बताया कि, "मध्य प्रदेश में पहली बार पन्ना टाइगर रिजर्व में गिद्धों की गणना वर्ष 2011 में शुरू हुई थी, जो वर्ष 2015 तक हर साल की जाती रही है। लेकिन अचानक फिर अज्ञात कारणों के चलते गिद्ध गणना रुक गई।"
शेखसरिया बताते हैं कि पन्ना में गिद्धों का अच्छा हैबिटेट है तथा यहां पर बड़ी संख्या में गिद्धों की मौजूदगी है। प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना 2020-21 में जहां मध्यप्रदेश में गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई थी, वहीं पन्ना जिले में सबसे अधिक पाए गए थे। प्रदेश में गिद्धों की संख्या 9408 जबकि पन्ना में 990 दर्ज किए गए थे। भारत में गिद्धों की 9 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें 7 प्रजातियों की मौजूदगी पन्ना टाइगर रिजर्व में दर्ज हुई है।
पक्षी सर्वेक्षण परिणाम की मुख्य विशेषताएं
भारत के विभिन्न राज्यों के 60 स्वयंसेवकों ने 4 से 6 मार्च 2022 तक पन्ना टाइगर रिजर्व के पूरे कोर और बफर क्षेत्र में घूमकर यह रिपोर्ट पेश की है। सर्वेक्षण में दर्ज हुए 247 प्रजाति के पक्षियों में से 21 आईयूसीएन संकटग्रस्त सूची से हैं। भारत में मौजूद 9 प्रजाति के गिद्धों में से 7 प्रजातियों के गिद्ध यहाँ पाये गये।
मध्य प्रदेश के कई स्थानों में हमेशा कम संख्या में पाए जाने वाले धारीदार घास के पक्षी टाइगर रिजर्व के केन नदी के 55 किमी के प्रवाह क्षेत्र में अच्छी संख्या में पाए गए हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में पहली बार ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल की सूचना मिली है। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में पक्षियों के वर्ष भर के आंकड़े प्राप्त करने के लिए हम मौसमी पक्षी सर्वेक्षण करेंगे ताकि हर मौसम में यहाँ आने वाले स्थानीय
पक्षियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी हो सके। आपने बताया कि मानसून के दौरान, सर्दियों में और गर्मियों में पृथक-पृथक पक्षी गणना का कार्य कराया जायेगा।
पन्ना के संरक्षण प्रयासों को मुख्यमंत्री ने सराहा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना टाइगर रिजर्व में पक्षी सर्वेक्षण के उत्साहजनक परिणामों पर प्रसन्नता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री कार्यालय से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण के उत्साहजनक परिणाम मध्य प्रदेश के पर्यावरण प्रेमी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वन्य जीव एवं वनों के संरक्षण की
दिशा में किए गए सराहनीय प्रयासों की पुष्टि करते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार पन्ना टाइगर रिजर्व में 21 आईयूसीएन संकटग्रस्त सूची में शामिल प्रजातियों सहित पक्षियों की 247 प्रजातियां पाई गई हैं। यहां भारत में मौजूद गिद्धों की सात प्रजातियां भी अच्छी संख्या में आबाद हैं।"
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