मध्य प्रदेश: पिछले साल से नहीं लिया सबक, इस बार भी खुले आसमान के नीचे खरीदी से भीगा हजारों क्विंटल गेहूं

मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले ही अलर्ट जारी कर बता दिया था कि आंधी और बारिश हो सकती है, लेकिन प्रशासन नहीं जागा। बारिश हुई गेहूं खरीद केंद्र पर किसान और किसानों से खरीदा गया गेहूं भीग गया। पिछले साल भी ऐसा कई बार हुई था लेकिन सरकार इस बार भी खुले में गेहूं की खरीद कर रही है।

Sachin Tulsa tripathiSachin Tulsa tripathi   10 May 2021 10:59 AM GMT

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मध्य प्रदेश: पिछले साल से नहीं लिया सबक, इस बार भी खुले आसमान के नीचे खरीदी से भीगा हजारों क्विंटल गेहूं

मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमरपाटन ब्लॉक के ग्राम शाह के खरीदी केंद्र में 7 मई को हुई बारिश के बाद का नजारा। फोटो- वीडियो स्क्रॉन शॉट

सतना (मध्यप्रदेश)। किसान मुनेंद्र बागरी अपना 60 क्विंटल गेहूं लेकर 5 मई को सरकारी खरीद केंद्र गए थे 2 दिन तक खुले आसमान के नीचे अपनी बारी का इंतजार करते रहे। सात मई को तेज बारिश हुई और उनका गेहूं भीग गया। 10 मई तक दोपहर 3 बजे तक उनके गेहूं की तौल नहीं हो सकी थी।

"मैं तीन दिन से खरीदी केंद्र पर खड़ा हूं। यहां धूप बारिश से बचाव का कोई संसाधन नहीं है। अनाज का भीगना तय था। मैं भी अपने अनाज को बचा नहीं सका।" यह कहते-कहते मुनेंद्र का गला रुंध गया।

"यह पहली बार नहीं है जब उपार्जन (खरीदी) केंद्र में बोरों में बंद रखा गेहूं बारिश में भीग गया। पिछले साल तो इससे भी ज्यादा भीग गया था।" मुनेंद्र आगे जोड़ते हैं।

मुनेंद्र बागरी (48) मध्य प्रदेश के सतना जिले के गाँव मसनहा के किसान हैं। वह अपने गांव से 4 किलोमीटर दूर सहकारी समिति पड़रौत के गेहूं उपार्जन केंद्र में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पहुंचे थे। यह केंद्र गाँव के ही किसान के खेत में बनाया गया है। जहां 7 मई हुई तेज बारिश में सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग गया। जिसमें किसानों का भी गेहूं और वो गेहूं भी जो सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीद चुकी थी।।

सतना जिले के उचेहरा वेयर हाउस का खरीदी केंद्र, जहां 7 मई को आई आँधी में कई पेड़ गिर गए और किसानों के वाहन उसके नीचे आ गए। फोटो गांव कनेक्शन

7 मई को मध्य प्रदेश में सतना समेत विंध्य क्षेत्र में आंधी के साथ बारिश हुई। जिसके चलते खरीद केंद्रों पर रखा गेहूं भीग गया। कई जगह ओले गिरे थे तो कई जगह इन खरीद केंद्रों पर आंधी के चलते पेड़ भी टूट कर गिए पड़े थे। बारिश का असर सतना जिले के अमरपाटन, रामपुर बघेलान, उचेहरा और मैहर ब्लॉक में ज्यादा रहा। अमरपाटन के गेहूं उपार्जन केंद्र शाह में 100 ट्रॉली से ज्यादा गेहूं भीग गया। यह केंद्र भी खेत में खोला गया है। इसी तरह रीवा जिले में ओले भी गिरे। यहां की करहिया मंडी में बनाये गए उपार्जन केंद्र में 200 से भी अधिक ट्रॉली गेहूं रखा हुआ था जो बारिश की भेंट चढ़ गया।

ऐसा तब हुआ जब मौसम विभाग ने बाकायदा 7 मई को ही अलर्ट जारी किया था। यह अलर्ट 11 मई तक के लिए था। जिसमें कहा गया है कि तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है।

गांव कनेक्शन ने सेवा सहकारी समिति वसुधा के खरीदी केंद्र पडरौत के प्रबंधक को जानकारी के लिए फोन किया तो उन्होंने ज्यादा जानकारी के लिए समिति के सेल्समैन का नंबर दिया। सेल्समैन अरुण शुक्ला ने गांव कनेक्शन को बताया, "एक्ज़ेक्ट (सही आंकड़ा) तो नहीं बता सकता, लेकिन 10 हज़ार कुंतल से भी अधिक का गेहूं भीग गया है। यह गेहूं किसान से खरीद के बाद रखा हुआ था। किसानों का भी भीगा है। कितना भीग गया है इसका अनुमान भी नहीं है। उन्हीं से बात कर लीजिए। नियम अनुसार 12 फीसदी की नमी कट कर उठाव के लिए रखेंगे। यही नियम किसान से गेहूं खरीदने में भी लागू है।" अरुण शुक्ला ने ये भी बताया कि अब उन्होंने तिरपाल की व्यवस्था कर ली है।

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 6 मई तक देशभर में 233.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। इस खरीद से 32.21 लाख किसानों को 63,924.56 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने चालू खरीद वर्ष (RMS-2021-22) में कुल 427.363 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का अनुमान जताया है जिसमें से सबसे ज्यादा खरीद 135 लाख मीट्रिक टन की खरीद मध्य प्रदेश से होनी है। पिछले वर्ष भी सबसे ज्यादा (129.42 लाख मीट्रिक टन) गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश से हुई थी, और पिछले वर्ष लाखों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे भीग गया था।

'गांव कनेक्शन' खुले में गेहूं की खरीद, सरकारी गोदामों में अनाज की बर्बादी और रखरखाव का मुद्दा लगातार उठाता रहा है। सतना में पिछले वर्ष गेहूं खरीदी के लिए 110 केन्द्र बनाए गए थे इनमें से 53 खुले आसमान के नीचे चल रहे थे, जिनमें करीब 4 लाख कुंतल गेहूं की खरीदी की गई। इनमें से लगभग 3 लाख कुंतल अनाज भीग चुका था। 6 जून 2020 को गांव कनेक्शन ने प्रकाशित खबर में बताया था कि कैसे सतना में 3 लाख क्विंटल गेहूं भीग गया था। लेकिन पिछले बार खरीद एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन ने सबक नहीं लिया जिसका खामियाजा किसानों को इस बार भी भोगना पड़ा।

मध्य प्रदेश में ही रीवा जिले के गांव बैकुंठपुर के किसान हरिहर प्रसाद (52 वर्ष ) गांव कनेक्शन से बात करते हुए खरीद व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। "हमारा करीब-करीब 60 कुंतल गेहूं था। जो खुले में बने खरीदी केंद्र में भीग गया। हम तो ट्रॉली से भी नहीं उतार पाए थे। कहा जा रहा था कि बोरा नहीं है। अब आप ही बताइए इसमें हमारी क्या गलती है। एसएमएस आज आता है खरीदी परसों होगी। ऐसे में कैसे काम चलेगा कौनव नियम कानून हईय न हैय (कोई नियम कानून नहीं है)।"

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सतना में बीना वेयर हाउस झाली (कोठी) गेहूं खरीदी केंद्र बारिश के बाद से तिरपाल से ढंकी गेहूं की बोरियां। फोटो- सचिन त्रिपाठी


34 दिनों में 31956 किसानों से खरीदी

सतना जिले में 3 अप्रैल से लेकर 7 मई तक की खरीदी में 26 मीट्रिक टन से भी ज्यादा की गेहूं की ख़रीदी की गई। नागरिक आपूर्ति नियम से मिले आंकड़ों के मुताबिक इन 34 दिनों में 31956 किसानों से गेहूं खरीदी की गई है। इन किसानों से 26,06,794 कुंतल गेहूं खरीदा जा चुका है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 के लिए कुल 84838 किसान पंजीकृत है। 52,882 पंजीकृत किसानों से गेहूं खरीदी बाकी है।

390606 क्विंटल रेडी टू ट्रांसपोर्ट फिर भी उठाव नहीं

जिले में 137 गेहूं उपार्जन केंद्र में 390606 कुंतल गेहूं रेडी टू ट्रांसपोर्ट रखा गया है। नियम है कि टैगिंग के 72 घण्टे में उपार्जित अनाज का परिवहन कर भंडारित किया जाना चाहिए लेकिन यह नहीं हो सका और बारिश हुई तो गेहूं भीग गया। नागरिक आपूर्ति निगम से मिले आंकड़ों के मुताबिक खरीदे गए 26,06,794 कुंतल गेहूं में से 1800454 कुंतल गेहूं गोदामों में भंडारित किया जा चुका है। इसके अलावा 415734 कुंतल बाहर ही रखा हुआ है।

बारदाना (बोरे) की कमी बड़ी समस्या

किसान मुनेंद्र बागरी को 5 दिन खरीद केंद्र पर इंतजार नहीं करना पड़ा। उनका गेहूं भीगता भी नहीं, अगर खरीद केंद्र बारदाना यानि गेहूं रखने के लिए बोरे होते। ज्यादातर खरीद केंद्रों पर बारदाना की दिक्कत है।

मझगवां जनपद के किसान मनोज कुमार पांडेय (38) ने कहा, "गैविनाथ समिति के कोनिया गांव में संचालित गेहूं उपार्जन केंद्र में पंजीयन है। यहां तीन दिन हो गए लेकिन खरीदी का नाम नहीं ले रहे जब पूछो तो यही जबाव मिलता है कि बारदाना नहीं है। हम कब तक यहां ऐसे ही खड़े रहेंगे। कोई समय तो होगा कि खरीदी की जा सके।"

वह आगे कहते हैं, "ट्रॉली खड़ी है। ड्राइवर का खर्च लग रहा है। ट्रैक्टर का मालिक भी ज्यादा पैसा मांगेगा। ऐसे में समर्थन मूल्य की खरीदी महंगी पड़ रही है।"

नागरिक आपूर्ति निगम के एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि सतना में संचालित 137 गेहूं उपार्जन केंद्रों में से 15 केंद्रों में ही फिलहाल बारदाना उपलब्ध हैं। न्यूनतम समर्थऩ मूल्य (1975) में गेहूं खरीदी के लिए अंतिम तारीख 25 मई रखी गयी है। 52887 पंजीकृत किसानों से गेहूं खरीद बाकी है।

इस पर आपूर्ति निगम के डीएम विख्यात हिंडोलिया ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि बुधवार को भोपाल में टेंडर खुले हैं सतना को 2500 गठान पुराने बारदाने मिलेंगे। एक दो दिन में आ भी जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कितना गेहूं भीग गया है इसका आंकलन अभी मुश्किल है। गाँव कनेक्शन ने भी उनसे संपर्क के प्रयास किये लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

खरीदी केंद्र पर कतार, बाहर लॉकडाउन में खाने-पीने की दिक्कत

कई गांवों के किसानों ने गांव कनेक्शन को बताया कि बारदाना न होने से खरीदी रुकी हुई है। खाने-पीने की भी व्यवस्था नहीं है। कोरोना कर्फ्यू की वजह से दुकान भी बंद हैं।भारतीय किसान यूनियन के सतना जिलाध्यक्ष इंद्रजीत पाठक नाराजगी के साथ कहते हैं, "यूनियन के हाथ बंधे हैं। कोरोना के प्रोटोकॉल का कारण नहीं तो हम सड़कें जाम कर देते। ज़िम्मेदारों को जवाब देना चाहिए कि इसमें किसान की क्या गलती है।"

किसान यूनियन का आरोप- तौलाई में भी गोलमाल

इंद्रजीत पाठक कहते हैं, " 51 किलो तौल ली जा रही है। बोरे के वजन तो 300 ग्राम के आसपास रहता है फिर 700 ग्राम अतिरिक्त तौलाई क्यों कराई जा रही है। खुले में चल रहे खरीदी केंद्रों में कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन किसानों के साथ डकैती के लिए कायदे कानून बनाये बैठे हैं। हर साल आज भीग रहा है। सबक क्यों नहीं लिया जा रहा।"

सरकारी खरीद के लिए एक बोरे में 50 किलो की तौल होती है। देश के ज्यादातर इलाकों में जूट के बोरे की आपूर्ति पश्चिम बंगाल से होती है लेकिन वहां हुए चुनावों के चलते जूट मिल का काम प्रभावित हुआ और सप्लाई पर असर पड़ा है, जिसका खामियाजा किसान उठा रहे हैं।

ये खबर अंग्रेजी में यहां पढ़ें- Madhya Pradesh: Rains spoil wheat kept uncovered at purchasing centre despite weather alert

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