मैगी के बाद फूडल्स, चिंग्स और यिप्पी के नूडल्स भी जांच में फेल

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मैगी के बाद फूडल्स, चिंग्स और यिप्पी के नूडल्स भी जांच में फेलnoodle failed in test, gaon connection

बाराबंकी। ज़िले के खाद्य सुरक्षा विभाग ने पांच बड़ी नूडल्स कंपनियों को नोटिस भेजा है। मैगी के बाद ज़िले से लिए गए फूडल्स, चिंग्स, यिप्पी नूडल्स और नॉर सूपी नूडल्स समेत पांच बड़ी कंपनियों के नूडल्स के नमूने भी जांच में फेल हो गए हैं। 

ये नमूने भी बाराबंकी के उसी शॉपिंग मॉल से भरे गए थे, जहां से लिए गए मैगी के नमूने जांच में फेल होने के बाद देश में मैगी पर प्रतिबंध लग गया था। नमूनों की जांच भी मैगी को अधोमानक बताने वाली लखनऊ की खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब ने ही की है। ''जिन कम्पनियों की जाँच रिपोर्ट फेल हुई है, उनमे नॉर कंपनी के सूपी नूडल्स, चिंग्स कंपनी के नूडल्स, सनफीस्ट के यिप्पी नूडल्स और हॉर्लिक्स के नूडल्स शामिल हैं। हमारे विभाग ने इन सभी पांचों कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है," खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज वर्मा, बाराबंकी ने 'गाँव कनेक्शन' को बताया। 

उन्होंने बताया कि ये सभी कंपनियां खाद्य सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर नूडल्स बना रही थीं। नियमत: एक फीसदी ऐश कंटेट (राख) के इस्तेमाल की इजाज़त है लेकिन इन नमूनों में इसकी मात्रा काफी ज्य़ादा पाई गई। वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में जिला खाद्य निरीक्षक ने शहर के विशाल मेगा मार्ट से इन पांचों नूडल्स के सैंपल लिए थो। मैगी की रिपोर्ट पर हंगामा मचने पर ही विभाग ने पांच और कंपनियों के नूडल्स के नमूने लिए थे।

नमूनों को जांचने वाले खाद्य एवं औषधि प्रशासन लैब के खाद्य विश्लेषक यूसी गंगवार ने बताया, ''नूडल्स की रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड (अधोमानक) है। ये सभी सेहत के लिए हानिकारक हैं।"

''खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग, दिल्ली के निर्देश पर उसी दौरान कैपिटल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्लैक्सो व सनफीस्ट कंपनी, हिन्दुस्तान लीवर और हार्लेक्स द्वारा बनाए जा रहे नूडल्स के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट अब आ गई है। पांचों रिपोर्ट निगेटिव आई हैं," मनोज ने बताया। सभी नमूनों को 30 मई 2015 को जब्त करके जांच के लिए लखनऊ की खाद्य एवं औषधि प्रशासन की लैब भेजा गया था। हाल ही में इनकी जांच रिपोर्ट विभाग को मिली है।

बाराबंकी जिला खाद्य विभाग ने मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। फिलहाल नोटिस जारी होने के बाद प्रशासन नियमत: एक महीने तक इन कंपनियों से उनके जवाब का इंतजार करेगा उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

जाँच लैब की रिपोर्ट 

रिपोर्टिंग - सतीश कश्यप

 

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