मैं आलोचकों की ‘डायलागबाजी' पर ध्यान नहीं देता: राजन

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मैं आलोचकों की ‘डायलागबाजी पर ध्यान नहीं देता: राजन

मुंबई (भाषा)। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने लंबे समय से उनकी आलोचना करने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया। राजन ने कहा कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती के लिए जानबूझ कर देर करने का आरोप लगाने वाले पहले ये साबित करें कि मुद्रास्फीति कहां बहुत कम हुई है?‍

उन्होंने ऐसी आलोचनाओं को महज ‘डायलागबाजी' करार देते हुए उसे खारिज किया। आरबीआई गवर्नर राजन ने कहा कि वह ऐसे ‘डायलागों' पर ध्यान नहीं देते क्योंकि ऐसी बातों का कोई ‘आर्थिक सिर-पैर' नहीं है।

राजन को अक्सर सरकार और उसकी नीतियों के आलोचक के रुप में देखा जाता रहा है। आर्थिक वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि आर्थिक हालात में सुधार की रफ्तार को लेकर जरुर ‘बहुत अधिक निराशा है' लेकिन 'रफ्तार में यह कमी देश में लगातार दो साल के सूखे, वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी और ब्रेक्जिट जैसे बाह्य झटकों के कारण है।'

कुछ राजनैतिक तबकों में राजन की इस बात को लेकर तीखी आलोचना हुई कि उन्होंने ब्याज दरों को अनावश्यक रूप से ऊंचा रखा जिससे वृद्धि की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। गवर्नर ने अपने रुख के समर्थन में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दिशा का उल्लेख किया जो लगातार चौथे महीने बढ़ते हुए जून में 5.77 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।

राजन (53 वर्ष) ने गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल लेने से मना कर दिया है और कहा है कि वह फिर से अध्ययन के क्षेत्र में लौटना चाहते हैं। उनका कार्यकाल चार सितंबर को पूरा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून तथा बुनियादी सुधारों एवं वृहद-आर्थिक स्थिरता से देश में आर्थिक वृद्धि और तेज होगी। 

 

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