एक ऐसा अभिनेता जो हमें बता गया वक़्त की कीमत
गाँव कनेक्शन 1 May 2017 4:02 PM GMT

लखनऊ। ए मेरी ज़ोहरा ज़बी तुझे मालूम नहीं...1965 में आई वक्त फिल्म के गाने के बोल सुनते ही पुराने दौर के उस कलाकार का चेहरा सामने आ जाता है जिनको हम बलराज साहनी के नाम से जानते है। महान अभिनेता और लेखक बलराज साहनी का आज जन्मदिन है। बलराज साहनी पंजाब के भेड़ा के रहने वाले थे जो अब पाकिस्तान में है। बलराज साहब का जन्म 1मई 1913 को हुआ था। जन्म के समय इनका नाम युधिष्ठिर साहनी रखा गया था।
सिनेमा जगत में आने के बाद इनका नाम बदलकर बलराज कर दिया गया। बलराज साहनी ने सन 1940 से 1944 तक रेडियो एनाउंसर बीबीसी के लिये काम किया। कुछ समय के बाद बलराज वापस भारत लौटे और 'इंडियन प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन' (इप्टा) में शामिल हो गये और इनकी मुलाकात ख़्वाजा अहमद अब्बास से हुई। अब्बास साहब ने 1945 में बतौर अभिनेता धरती के लाल में ब्रेक दिया। हालाकि यह फिल्म लोगों को अपनी ओर नहीं खींच पाई। 1951 की फिल्म हमलोग में बलराज साहनी साहब के अभिनय ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
1953 में बिमल रॉय के निर्देशन में बनी फिल्म दो बीघा ज़मीन। इस फिल्म ने बलराज साहनी को महान अभिनेता बना दिया। बलराज साहब ने एक से बढ़कर एक किरदार से लोगों को अपनी अदाकारी का दीवाना बना दिया। चाहे वो फिल्म सीमा हो या सोने की चिड़िया। बलराज साहब की फिल्म गुड़िया की अदाकारा दमियंती से इन्होने विवाह किया था। हालांकि बहुत ही कम उम्र में दमियंती ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उसके बाद इन्होने संतोष चंडोक से शादी कर ली।
यह बात शायद ही किसी को पता हो कि उन्हें अपने क्रांतिकारी और कम्युनिस्ट विचारों के कारण जेल भी जाना पड़ा। उन दिनों वह फ़िल्म 'हलचल' की शूटिंग में व्यस्त थे शूटिंग करने के लिये बलराज साहनी को जेल से छुट्टी लेकर आना पड़ता था और शूटिंग ख़त्म होने के बाद वापस जेल जाना होता था। 1969 में बलराज सहनी को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। बताते चले कि 1951 में बनी फिल्म बाज़ी की कहानी बलराज साहनी ने लिखी थी। 13 अप्रैल 1973 को दिल का दौरा पड़ने से बलराज साहनी ने हम सबका साथ छोड़ दिया।
बलराज साहनी की फ़िल्में
- दो बीघा ज़मीन(1953)
- धरती के लाल(1946)
- हमलोग(1951)
- गर्म हवा(1973)
- सीमा(1955)
- वक़्त(1965)
- कठपुतली(1957)
- लाजवंती(1958)
- सोने की चिड़िया(1958)
- घर संसार(1958)
- सट्टा बाज़ार(1959)
- भाभी की चूड़ियाँ(1961)
- हक़ीक़त(1964)
- दो रास्ते(1969)
- एक फूल दो माली(1969)
- मेरे हमसफर(1970)
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