कैमरे से शर्माने वाले बाहुबली फेम प्रभाष स्टारडॉम संभालने की सीख रहे कला

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   8 Oct 2017 3:43 PM GMT

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कैमरे से शर्माने वाले बाहुबली फेम प्रभाष स्टारडॉम संभालने की  सीख रहे  कलाहरदिल अजीज व बाहुबली फेम प्रभास।

हैदराबाद (आईएएनएस)। हरदिल अजीज व बाहुबली फेम प्रभास को कैमरे के सामने आने में शर्म आती रही है और उन्होंने आतिथ्य क्षेत्र में कॅरियर बनाने की योजना बनाई थी। मनोरंजन जगत में आने का उनका कोई इरादा नहीं था। लेकिन 'बाहुबली' फ्रेंचाइजी के साथ आज वह वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो चुके हैं।

अभिनेता का कहना है कि वह अब भी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए सतर्क रहते हैं और स्टारडॉम संभालने की कला सीख रहे हैं। प्रभास ने एक साक्षात्कार में कहा, "मैं अब भी साझात्कार को लेकर शर्मीला हूं। मैं चाहता हूं कि लोग आएं और मेरी फिल्म देखें, लेकिन मुझे लोगों का सामना न करना पड़े।"

उन्होंने कहा, "13 से 14 वर्षों तक उद्योग में रहने के बाद, मुझे अब भी नहीं पता कि स्टारडाम कैसे संभालना है। मेरे प्रशंसकों को बुरा लगता है कि उनका नायक बाहर नहीं आता। मैं पहले से बेहतर बनने की कोशिश कर रहा हूं।"

उनके पिता लोकप्रिय फिल्म निर्माता अप्पलपति सूर्य नारायण राजू और उनके चाचा कृष्णम राजू अप्पलपति ने भी तेलुगू सिनेमा में अपना नाम कमाया है। कई लोगों ने सोचा था कि परिवार के कारण स्वाभाविक रूप से वह फिल्म उद्योग में जाएंगे, लेकिन प्रभास के मामले में ऐसा नहीं था।
प्रभास ने परिजनों द्वारा इसी क्षेत्र में कॅरियर बनाने के सुझाव से इंकार कर दिया था, लेकिन बाद में अचानक उनका मन बदल गया।

उन्होंने बताया, "मेरे चाचा अभिनेता हैं। मेरे डैड निर्माता हैं। इसी नाते उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मुझे दिलचस्पी है? लेकिन मैंने कहा कि कोई कैसे इतने सारे लोगों के सामने अभिनय कर सकता है। मैं शर्मिला हूं। मेरे माता-पिता ने दो-तीन बार पूछा, लेकिन मैंने ना कह दिया।"

उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं कोई कारोबार करूंगा, क्योंकि मैं आलसी हूं, नौकरी नहीं कर सकता था। मैंने सोचा था कि शायद होटल कारोबार में जाऊंगा, क्योंकि हमारे परिवार को खाना पसंद है और हैदराबाद में उत्तर भारतीय व्यंजन काफी लोकप्रिय हैं।"

प्रभास ने कहा, "मुझे पता नहीं क्या हुआ। एक दिन मैं बापू द्वारा निर्देशित चाचा जी की फिल्म देख रहा था। मैं कल्पना करने लगा कि मैं चाचा जी की भूमिका में हूं। फिर धीरे-धीरे मेरा मन बदल गया।"

प्रभास ने वर्ष 2002 की तेलुगू फिल्म 'ईश्वर' के साथ मनोरंजन-जगत में कदम रखा था। उन्होंने कहा, "एक दिन मैंने अपने दोस्त से कहा कि मैं अभिनय करना चाहता हूं तो उसे विश्वास नहीं हुआ। उसे 10 दिनों बाद मुझ पर विश्वास हुआ और आज वह 'साहो' का निर्माता है।"

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फिलहाल, प्रभास 'साहो' के साथ व्यस्त हैं। यह श्रद्धा कपूर की पहली तेलुगू फिल्म है।

           

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