काश मैं 1960 के दशक में पैदा होता: आमिर खान
गाँव कनेक्शन 29 Oct 2016 3:11 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। सुपरस्टार आमिर खान ने भारतीय सिनेमा के 1960 के दशक के स्वर्णिम दौर को याद करते हुए कहा कि उनकी तमन्ना है कि काश वह भी के. आसिफ, गुरुदत्त जैसे फिल्मों की दिग्गज हस्तियों के उस सुनहरे दौर में पैदा हुए होते। 51 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि उस दौर के फिल्मकारों ने देश में उथलपुथल पैदा करने का काम किया था और इसलिए वह कला के इस क्षेत्र में एक अलग तरह की संवेदना जगा पाए।
अभिनेता ने कहा, ‘‘1960 का दशक वास्तविक और बेहतरीन था। उस वक्त लोग उभरते सामाजिक उथल पुथल के दौर से गुजर रहे थे, आजादी का संघर्ष था, देश का बंटवारा हुआ था, इसलिए उस समय की पूरी पीढ़ी बेहद रचनात्मक थी। साहिर लुधियानवी, मजरुह सुल्तानपुरी, वामपंथी विचारधारा की ओर झुकाव रखने वाले लोग, ऐसी कई शख्सियतें उसी दौर में हुईं।''
आमिर फिल्मकार और अपने चाचा नासिर हुसैन की जीवनी ‘‘म्युजिक मस्ती मॉडर्निटी: द सिनेमा ऑफ नासिर हुसैन'' के लॉन्च पर आयोजित एक पैनल चर्चा में बोल रहे थे।
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