मुंबई शहर ने मुझे मेरी पहचान ढूंढ कर दी: अमिताभ भट्टाचार्य

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मुंबई शहर ने मुझे मेरी पहचान ढूंढ कर दी: अमिताभ भट्टाचार्यजाने माने गीतकार और गायक अमिताभ भट्टाचार्य।

नई दिल्ली (भाषा)। जाने माने गीतकार और गायक अमिताभ भट्टाचार्य गायक बनने का ख्वाब लिए कुछ बरस पहले नवाबों के नगर लखनऊ से निकलकर सपनों के शहर मुंबई आ गए थे। इस पेशे और मुंबई शहर ने उन्हें नाम दिया, एक पहचान दी और कुछ ही वर्ष में वह एक गीतकार के रुप में लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए।

वर्ष 2008 में अमित त्रिवेदी की फिल्म ‘आमिर' से गीतकार के रुप में अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले अमिताभ ने बातचीत में कहा, ‘‘मुंबई, दो तरह के लोग आते हैं। पहली किस्म के लोगों में वैसे लोग होते हैं जो अपने काम का सपना पाले यहां आते तो हैं, लेकिन उन्हें कोई दूसरा ही काम करना पडता है और दूसरी किस्म के लोग वो होते हैं जो जिस सपने की चाह में यहां आते हैं उसे ही निभाते हैं. मैं भी यहां गायक बनने का ख्वाब लेकर आया था, लेकिन मैं गीतकार बन गया।''

देसी, आकर्षक, लुभावने और सहजता से जुबान पर चढ़ जाने वाले बोल लिखने में महारथ रखने वाले और आने वाली फिल्म ‘दंगल' के गीतकार अमिताभ ने कहा, ‘‘मैं हमारी बोलचाल की भाषा के और वाहनों के पीछे लिखे शब्दों का इस्तेमाल कर गीत लिखता हूं। अब ध्रूमपान सेहत के लिए हानिकारक है पर मैंने ‘बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' लिखा जो हिट हो रहा है।''

उन्होंने कहा कि मैंने यह गीत फिल्म की सिचुएशन के अनुरुप लिखा जो थोडा मजाकिया अंदाज में है। छोटी-छोटी बच्चियां हैं जो कसरत करते करते आजिज आ जाती हैं। यह गीत फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाता है। बंगाली मूल के अमिताभ का बचपन लखनऊ में बीता और उन्होंने वहीं शिक्षा-दीक्षा हासिल की। शुरुआत में वह गायक बनना चाहते थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में गीत भी गाये हैं।

गीतकार गुलजार के प्रशंसक अमिताभ पहले के गीतकारों में साहिर लुधियानवी और आनंद बक्शी को बेहतरीन गीतकार मानते हैं, जबकि आज के गीतकारों में प्रसून जोशी, वरुण ग्रोवर, राजशेखर, मिथुन, कुमार जैसे गीतकारों की तारीफ करते हैं। अमिताभ का कहना है, ‘‘मैं साहित्य, कविता, कहानी का पाठक नहीं रहा हूं। मैं तो संयोगवश गीतकार बना हूं ऐसे में साहित्यकारों के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन आज के गीतकारों और पहले के गीतकारों के बोल सुनकर मुझे प्रेरणा मिलती है और अच्छा लिखने का प्रयास करता हूं।''

आने वाले समय में पटकथा लेखन के बारे में पूछे जाने पर अमिताभ ने कहा, ‘‘इसके बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है। मेरे पास अपनी कोई कहानी नहीं है। हां यह है कि अच्छा लिखूं और पूरे दिल से लिखूं। ऐसे में अगर कभी पटकथा भीलिखने का मौका मिला तो कोशिश करुंगा।'' ‘उड़ान', ‘बैंड बाजा बारात', ‘अग्निपथ', ‘लुटेरा', ‘ये जवानी है दीवानी', ‘बॉम्बे वेलवेट' और ‘चेन्नै एक्सप्रेस' जैसी फिल्मों के लिए गीत लिखने वाले अमिताभ सलमान को ‘मैं करुं तो साला, कैरेक्टर ढीला है' और रणवीर को ‘बदतमीज दिल' पर नचा चुके हैं। अतिमाभ को ‘देव डी' फिल्म के गीत ‘इमोशनल अत्याचार' से लोकप्रियता मिली थी।

फिल्म निर्देशक अमित त्रिवेदी के साथ अपने रिश्ते पर अमिताभ ने कहा, ‘‘हम पहले दोस्त हैं और बाद में हमारे पेशेवर रिश्ते हैं। उन्होंने मुझे सबसे पहले 2008 में ‘आमिर' के लिए गीत लिखने और गाने का मौका दिया।'' हरियाणा के मशहूर पहलवान महावीर सिंह फोगाट की जीवनी पर बनी और अभिनेता आमिर खान के अभिनय से सजी ‘दंगल' फिल्म में अमिताभ के लिखे गीतों को संगीतकार प्रीतम ने अपनी धुनों मेंपिरोया है।

    

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