श्रीदेवी के बारे में फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने ये क्या कह दिया

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   27 Feb 2018 5:39 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
श्रीदेवी के बारे में फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने ये क्या कह दियाभारतीय अभिनेत्री श्रीदेवी

मुंबई। मशहूर फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने श्रीदेवी के बारे में जो कहा वह सुनकर शायद आप को अच्छा न लगे। राम गोपाल वर्मा ने अपने निजी विचार लिखते हुए कहा कि श्रीदेवी देश की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली महिला और सबसे बड़ी सुपरस्टार थीं, पर यह कहानी का सिर्फ एक हिस्सा है।

श्रीदेवी (54 वर्ष) का निधन शनिवार को दुबई में एक होटल के बाथरूम में हो गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मृत्यु दुर्घटनावश बाथटब में गिरकर डूबने से हो गई थी। भारतीय अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत की जांच पूरी होने के बाद मामले को बंद कर दिया गया है। दुबई अभियोजक कार्यालय ने कहा कि अभिनेत्री के शव को उनके शोकग्रस्त परिवार को सौंप दिया गया है। जांचकर्ताओं को मामले में कोई संदिग्ध बात नहीं मिली जिसके बाद मामले को बंद कर दिया गया।

फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी को लेकर 'ग्रेट रॉबरी', 'गोविंदा गोविंदा' और 'हैरान' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें- टेराकोटा : आपके ड्राइंग रूम की सजावट से फिल्मों के सेट डिज़ाइन में काम आने वाली कला

फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा का कहना है कि श्रीदेवी बहुत नाखुश महिला थीं और उनका जीवन इसका जीता जागता उदाहरण था कि किसी व्यक्ति का जीवन उसे देखने वाले की सोच से बिल्कुल अलग होता है।

राम गोपाल वर्मा ने लिखा, "बहुतों के लिए श्रीदेवी का जीवन परिपूर्ण था। सुंदर चेहरा, महान प्रतिभा, देश की सबसे बड़ी स्टार और दो सुंदर बेटियों के साथ दूर से आदर्श दिखता उनका परिवार। दूर से यह सब देखकर लोग इस जीवन के सपने देख सकते हैं, इससे ईर्ष्या कर सकते हैं. लेकिन क्या श्रीदेवी बहुत खुश इंसान थीं और क्या वह एक खुशनुमा जिंदगी जी रही थीं?"

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में 15 मार्च से शुरू होगा खुरपका-मुंहपका टीकाकरण अभियान 

राम गोपाल वर्मा कहते हैं कि वह उनके जीवन को तबसे जानते हैं, जब वह अपनी पहली फिल्म 'क्षण क्षणम' के लिए उनसे मिली थीं।

उन्होंने लिखा, "मैंने अपनी आंखों से देखा था कि उनके पिता की मृत्यु तक उनका जीवन आकाश के एक पक्षी की तरह था और उसके बाद उनकी अतिसंरक्षित मां के कारण उनका जीवन पिंजड़े में बंद पक्षी की तरह हो गया।"

ये भी पढ़ें- होली पर रोडवेज कर्मियों को नहीं मिलेगी छुट्टी पर एक खुशखबरी भी है

राम गोपाल वर्मा ने कहा कि 'इंग्लिश विंग्लिश' की हल्की चमक को छोड़ दें तो श्रीदेवी बहुत नाखुश जिंदगी जी रही थीं। उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देखा था और बहुत कम उम्र में फिल्मी सफर शुरू करने के कारण जिंदगी ने उन्हें सामान्य गति से बढ़ने का वक्त कभी नहीं दिया।

राम गोपाल वर्मा ने सवाल करते हुए कहा, "बाहरी शांति से ज्यादा उनकी मानसिक अवस्था ज्यादा चिंतनीय थी। कई लोगों के लिए वह सबसे सुंदर महिला थीं। लेकिन क्या वह सोचती थीं वे सुंदर हैं?" फिल्म निर्माताओं के लिए श्रीदेवी हमेशा बहुत शर्मीली, असुरक्षित महसूस करने वाली और कम आत्मविश्वास वाली अदाकारा थीं।

ये भी पढ़ें- आखिर क्या वजह छोटा कर्ज लेकर किसान करता है आत्महत्या और उद्योगपति माल्या और मोदी मौज

निर्देशक ने कहा, "उन्हें बहुत कम उम्र से प्रसिद्धि का स्वाद मिल गया था, जिसने उन्हें कभी आत्मनिर्भर होने का मौका नहीं दिया और वह नहीं बनने दिया जो वह वास्तव में बन सकती थीं या बनना चाहती थीं। वह कैमरे के सामने ही नहीं कैमरे के पीछे भी अभिनय कर रही थीं।"

उन्होंने कहा, "वे अपनी बेटियों के लिए चिंतित थीं। बावजूद कि उनकी बड़ी बेटी 'धड़क' फिल्म से बॉलीवुड में पदार्पण करने जा रही हैं और बॉलीवुड छोटी बेटी को भी अपना लेगा।"

ये भी पढ़ें- प्रकृति को खूबसूरत बनाने वाले बदसूरत पक्षियों की मौत का मंजर  

राम गोपाल वर्मा ने कहा, "श्रीदेवी अंदर ही अंदर जिस दर्द को जी रही थीं, मैं उस दर्द को उनकी आंखों में देख सकता था, क्योंकि वे वास्तव में महिला के शरीर में कैद एक बच्ची थीं। एक इंसान के तौर पर वह निष्कपट थीं और अपने कड़वे अनुभवों के कारण वहमी भी। इस दो गुणों का मिलन खतरनाक होता है।"

राम गोपाल वर्मा ने कहा, "अब उनकी मौत पर आते हैं, सबसे ज्यादा संभावना इस बात की है कि हृदयाघात के बाद दुघटनावश टब में गिरने से उनकी मृत्यु हुई हो।"

ये भी पढ़ें- ये बीमारी पशुओं को देती है टेंशन , घट जाता है दूध उत्पादन

उन्होंने कहा, "आत्महत्या और दुर्घटनावश मृत्यु ज्यादातर बड़े समारोहों में होती हैं, क्योंकि तनावग्रस्त और असुरक्षाग्रस्त व्यक्ति यह नहीं समझ पाता कि दुनिया इतनी खुश क्यों है और इतना आनंद क्यों उठा रही है लेकिन वे उस खुशी को महसूस करने में सक्षम नहीं होते हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं सामान्य तौर पर किसी की मृत्यु के बाद यह नहीं कहता कि आपकी आत्मा को शांति मिले, लेकिन उनके मामले में मैं वास्तव में यह कहना चाहता हूं, क्योंकि मुझे पूरा विश्वास है कि जिंदगी में पहली बार उनको शांति मिली होगी।"

ये भी पढ़ें- बढ़ता तापमान गेहूं किसानों के लिए बन सकता है नया सिरदर्द

मनोरंजन से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

इनपुट आईएएनएस

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

           

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.