स्वामी हरिदास-तानसेन समारोह : कत्थक की थाप, बांसुरी की धुन सुन मुग्ध हुए श्रोतागण

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   12 Jan 2018 4:20 PM GMT

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स्वामी हरिदास-तानसेन समारोह : कत्थक की थाप, बांसुरी की धुन सुन मुग्ध हुए श्रोतागणस्वामी हरिदास-तानसेन समारोह 

नई दिल्ली (भाषा)। ओस से मिट्टी को भीनी-भीनी सुगंध देने वाली हल्की ठंड में पद्मश्री कत्थक नृत्यांगना उमा शर्मा के घुंघुरुओं की थाप और पद्म विभूषण बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया की मधुर धुनों के साथ स्वामी हरिदास-तानसेन समारोह का आगाज हुआ।

दिल्ली के मॉर्डन पब्लिक स्कूल में कल गुरुवार को लोगों से खचाखच भरे सभागार में जब दोनों दिग्गजों ने जब अपने हुनर को लोगों के सामने पेश किया तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरे माहौल में गर्मी छा गई। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने किया।

शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम में युवाओं की इतनी भागीदारी देखकर मैं गौरवांवित हूं। हमें हरिदास-तानसेन-बैजू बावरा की परंपरा को आगे लेकर जाना है।
उमा शर्मा कत्थक नृत्यांगना

उन्होंने कहा, भारत दुनिया का युवतम देश है। पूरा विश्व हमारी ओर उम्मीद की नजरों से देख रहा है कि भारत आगे आकर विश्वगुरु बनेगा और नेतृत्व करेगा।

कार्यक्रम की शुरुआत दिव्या, सुकृति, अनुष्का और वाणी के द्रुत तीनताल में कत्थक से हुई। बाद में स्वयं उमा शर्मा ने सूरदास के एक पद और काहे मरे घर आए हो ठुमरी पर तीनताल में अपनी प्रस्तुति दी।

इसके अलावा उमा शर्मा ने मीराबाई के पद वारी वारी श्याम हो वारी और एक अन्य बंदिश एक तो नैना कजरारे पर कत्थक की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कौशुकी चक्रवर्ती का गायन हुआ और अंत में हरिप्रसाद चौरसिया ने अपना बांसुरी वादन पेश किया। पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के बांसुरी वादन में विभिन्न राग शामिल रहे और अपनी प्रस्तुति का अंत उन्होंने पहाड़ी धुन के साथ किया।

स्वामी हरिदास की याद में विगत कई वर्षेां से मनाया जा रहा यह उत्सव 14 जनवरी तक चलेगा।

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कार्यक्रम में उस्ताद अमजद अली खान, अयान अली बंगश और आशीष खान का सरोद वादन, विश्वमोहन भट्ट का मोहन वीणा वादन, छन्नूलाल मिश्रा, पंडित उल्हास कशलकर और शुभा मुद्गल का शास्त्रीय गायन, बिक्रम घोष का तबला वादन और शुजात खान का सितार वादन भी होगा।

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